पंजाब, भारत - : भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ (आईपीसीए) ने विगत फरवरी माह से पंजाब के विभिन्न जिलों में प्लास्टिक अपशिस्ट प्रबंधन पर लगातार 16 जागरूकता कार्यक्रम कर इसका सफलतापूर्वक समापन किया है । उल्लेखनीय है ये पहल, पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा वित्त पोषित हैं, जो स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से आयोजित किए गए। जिसमे डॉ के.एस. बाथ, संयुक्त निदेशक (विज्ञान और पर्यावरण प्रसार) पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और डॉ. मंदाकिनी ठाकुर, प्रोजेक्ट वैज्ञानिक, पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद ने कार्यक्रमों के समन्वय, प्रस्तुति एवं प्रदर्शन की योजना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका द्वारा इस अभियान के उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित की।
आईपीसीए पंजाब क्षेत्र की महाप्रबंधक रीना चड्डा ने पंजाब राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हमें पंजाब में पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने में स्थानीय स्कूलों और पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के योगदान हेतु आभार प्रकट करते है , जिसके सहयोग से आईपीसीए ने पंजाब राज्य में इस विषय में महत्वपूर्ण प्रगति की है।"
आईपीसीए का छात्रों और समुदायों को पर्यावरणीय स्थिरता और प्रदूषण नियंत्रण उपायों के बारे में शिक्षित करने के उदेश्य से पंजाब के विभिन्न जिलों के 16 स्कूलों में जागरुकता अभियान चलाया गया , जिनमें क्रमशः सरकारी हाई स्पेशल स्कूल नंगल, हाईस्कूल, दुबेटा, सीनियर सेकेंड स्कूल धमाना, सरकारी सीनियर सेकेंड स्कूल कानगढ़, बालिका एवं बॉयज विद्यालय विद्यालय मंडी गोबिंदगढ़, फतेहगढ़ साहिब, सरकारी हाईस्कूल कोटरा लेहल, खंडेबाद, बखोरा कलां एवं अलीशेर, संगरूर , संगरूर, नवांशहर से बीएलएम गर्ल्स कॉलेज, , केसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, सीनियर सेकेंडरी स्कूल फॉर गर्ल्स अमलोह, फतेहगढ़ साहिब, माघी मेमोरियल कॉलेज फॉर वुमेन अमलोह, सरकारी विद्यालय लंगरोया, आदि स्कूलों में पिछले फ़रवरी से जागरूकता कार्यक्रम कर लगभग तीन हजार छात्र छात्राओं को जागरूक किया।
सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत 2001 में स्थापित, आईपीसीए पर्यावरण के संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता वृद्धि और सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रमों हेतु प्रतिबद्ध है।
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