चंडीगढ़/22 मई :फोर्टिस अस्पताल ने मरीजों को एक ऐसी एंबुलेंस कंपनी के हवाले कर दिया है जो धीरे धीरे पूरे भारत की एंबुलेंस सेवा को महंगा करती जा रही है। बाकी राज्यों के मरीजों से लूट के बाद रेड एंबुलेंस नाम की कंपनी पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के मरीजों से बेवजह की मुनाफाखोरी करने पहुंच चुकी है।
रेड एंबुलेंस लोकल एंबुलेंस और मरीजों के बीच कमीशन एजेंट से अधिक कुछ नहीं है। मेहनतकश ड्राइवर या एक वाहन के मालिक या दो चार एंबुलेंस चलाने वाले ऑपरेटर सभी बाहर से आई कमीशन कंपनी के अधीन हो जाएंगे।
इसका एक बड़ा कारण फोर्टिस अस्पताल और रेड एंबुलेंस के बीच हुआ करार है। फोर्टिस अस्पताल ने रेड एंबुलेंस के कर्मचारियों को मरीजों की लिस्ट भेजनी शुरू कर दी है। डिस्चार्ज लिस्ट मिलने पर रेड एंबुलेंस के सेल्स व मार्केटिंग अधिकारी मरीजों को महंगी एंबुलेंस सेवा के लिए मनाने लगते हैं। अब लाश के ऊपर भाड़े का मोलभाव फोर्टिस और अन्य अस्पतालों में आम बात हो जाएगी।
उदाहरण के लिए पिछले दिनों फोर्टिस अस्पताल में जालंधर के एक मरीज की मौत के बाद उसकी डेड बॉडी घर पहुंचाने के लिए रेड एंबुलेंस ने 8000 से अधिक पैसे वसूल कर लिए जबकि लोकल एंबुलेंस वाला 4000 से 4500 रुपए में जाता है। हैरानी की बात यही है कि रेड कंपनी हम लोकल एंबुलेंस ऑपरेटरों से ही इस क्षेत्र के लोगों से लूट करवा रही है।
रेड एंबुलेंस का मार्केटिंग मॉडल बेसिक त्रुटियों से भरा पड़ा है। रेड एंबुलेंस वाले हम लोकल ऑपरेटरों से कह रहे हैं कि आप जब तक हमसे नहीं जुड़ते तब तक आपको फोर्टिस के ट्रिप नहीं मिलेंगे। रेड एंबुलेंस से जुड़ने के लिए लोकल ऑपरेटर को हर महीने तय कमीशन देनी होती है। उसके बाद रेड एंबुलेंस ही मरीज से बात करेगी, फिर बाद में हम जैसे लोकल एंबुलेंस वालों से संपर्क किया जाता है। हमसे मोल भाव करने के बाद मरीज पर 25 से 90 प्रतिशत वृद्धि के साथ एंबुलेंस भाड़ा थोप दिया जाता है।
अर्थात दशकों से जिन अस्पतालों और मरीजों की सेवा में हमारी दूसरी पीढ़ी काम में उतर चुकी है, उन हजारों एंबुलेंस वालों को कल आई कंपनी बाजार से गायब कर देने की धमकी दे रही है।
हम एंबुलेंस ड्राइवर लाखों मरीजों की सेवा के बाद इसी निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि रेड एंबुलेंस सिर्फ एंबुलेंस सेवा को महंगा करके, अपने लिए जगह बना रही है। उत्तर भारत की बनी बनाई एंबुलेंस व्यवस्था और लोकल ऑपरेटर को खत्म करके मरीज एक एंबुलेंस कंपनी के बंधक बन जाएंगे।
पत्रकारों से हमने कुछ वीडियो भी शेयर किए हैं जिसमें रेड एंबुलेंस के कर्मचारी साफ साफ कहते हुए पाए गए हैं कि रेट बढ़ाना हमारा काम है। वीडियो में रेड एंबुलेंस वाले साफ साफ कह रहे हैं कि पंजाब अमीर राज्य है हमने तो गरीब राज्यों में भी अपना प्रोडक्ट सफलता के साथ बेचा है।
हम यही चाहते हैं कि इस मामले को प्रेस मीडिया द्वारा गंभीरता से लिया जाए। क्योंकि फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने मरीजों के सिरहाने पर सेल्स मार्केटिंग वाले बिठा दिए हैं। जिनका एक ही काम है कि दाम बढ़ाओ और अपना हिस्सा निकाल कर पैसा कमाओ। रेड एंबुलेंस का मॉडल सेहत सेवाओं को आर्टिफिशियल तरीके से महंगा बनाकर धन कमाने का है। लोकल एंबुलेंस वालों के साथ जुड़े अस्पताल और मरीज अब एक कमीशनखोर कंपनी से होते हुए हमारे पास आएंगे।
यह प्रेस कांफ्रेंस रखी तो लोकल एंबुलेंस वालों ने है लेकिन इसका उद्देश्य पंजाब के प्रत्येक व्यक्ति को यह बताना है कि प्राइवेट अस्पताल वालों ने अब मरीजों के सिरहाने सेल्स मैन बिठा दिए हैं जिससे एंबुलेंस जैसी ओपन और सस्ती सेवाओं में लगभग दोगुनी बढौतरी देखी जा रही है। ट्राइसिटी पर आई इस बिन बुलाई आपदा को यदि सरकार, फोर्टिस प्रबंधन और सिविल सोसायटी ने समय रहते नहीं भांपा तो आने वाले समय में एंबुलेंस वालों के हजारों परिवार और मरीजों के करोड़ों रुपए एक कंपनी के मुनाफाखोर मॉडल की भेंट चढ़ जाएंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एंबुलेंस ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन पंजाब के प्रधान इंद्रजीत सिंह, कैशियर बलविंदर सिंह, सरवन कुमार, गुरदीप सिंह, रवि शर्मा और सुरिंदर नड्डा मौजूद रहे।
संपर्क: 9888521425
8196003333
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