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अहिंसा परमो धर्म: सभी जीव जीवें और सभी जीवों को जीने दें-आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज

 चंडीगढ़:-  भगवान महावीर स्वामी ने जगत में संदेश दिया कि जियो और जीने दो  औरे सभी जीव जीवें और सभी जीवों को जीने दें। यह विचार आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज ने 02 जुलाई से शुरू हो रहे चातुर्मास के अवसर पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए पेश किए।
आचार्य श्री सुबल सागर जी महाराज ने अपने संदेश में पाँच सुत्र भी दिये:- 1)अहिंसा धर्म 2) सत्यधर्म 3) अचौर्य धर्म,4) ब्रहमचर्य धर्म 5)परिग्रहधर्म*

अहिंसा धर्म:- उन्होंने अहिंसा धर्म में कहा कि जैन साधु पूर्ण रूप से अहिंसा धर्म का पालन करता है वह किसी भी जीव को मारने की बात तो दूर वह उन्हें किसी भी प्रकार कष्ट अपने द्वारा नहीं पहुंचाता है सूक्ष्म से सूक्ष्म जीव रक्षा करता है इसलिए नगन रहता,पैदल बिहार करता है स्नान नहीं करता है पंखा एसी कूलर का प्रयोग नहीं करता है क्योंकि उनका उपयोग करने से जीवो की हिंसा होती है गुरु पूर्णिमा से लेकर दीपावली तक चातुर्मास करके एक स्थान पर रहते हैं जिससे जीवो की हिंसा ना हो।

2:-सत्यधर्म:- जैन साधु किसी भी परिस्थिति मे झूठ नही  बोलते, कटुक बचन नही बोलते, भण्ड वचन, अपमानित ऐसे वचन भी नही बोलते है। जिससे जीवो को दुख पहुंचे। आत्मा को दुख हो वह हमेशा सत्य, वचन ही बोलते है।

3:-अचौर्यधर्म :-जैन साधु कभी भी किसी भी बस्तु को बिना पूछे नही लेता और पड़ी हुई, रखी हुइ, भूली हुई, बिना दी हुई वस्तु को कभी भी ग्रहण नहीं करता है। अचौर्यधर्म इस तरह पालन करता है।

 4:-ब्रह्मचर्य धर्म:-जैन साधु मन, वचन काय तीनो योगो से हमेशा अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं स्त्री मात्र को अपनी माता बहन की तरह समान समझते है। वह स्वपन मे भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं।

5:-परिग्रहधर्म:-जैन साधु वाह्य और अन्तरग परिग्रह दोनो का त्यागी होता है वह अपने पास पीछी और कमंडल   शास्त्र के अलावा कुछ भी नहीं रखते हैं व मकान मठ रूपया पैसा कुछ भी नही रखते हैं हमेशा तीर्थो की वन्दना करते रहते है।

वहीं उन्होंने दिगम्बर जैन मुनि की दिनचर्या* पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिगम्बर जैन मुनि 12 महीने, 24 घंटे सारी उम्र निवस्त्र रहा करते है। सर्दी में भी दिगम्बर जैन मुनि अपने शरीर में धागा तक भी धारण नही करते हैं, कपड़ा तो कोसों दूर की बात है। दिगम्बर जैन मुनि दो या चार महीने में दाड़ी मूछ सिर का है। केश लोचन करते है, आने हाथों से उन बालों को उखाड़ कर फेंक देते है।
दिगम्बर जैन मुनि पूरे भारत वर्ष में पद विहार किया करते है और हर जीवों का कल्याण करते है।

श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर 27बी गुप्तिसागर सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नवरत्न जैन, दामोदरदास जैन, संत कुमार जैन, धर्म बहादुर जैन, राजेंद्र प्रसाद जैन, शांत कुमार जैन और रमेश जैन आदि उपस्थित रहे । 

*यह जानकारी श्री धर्म बहादुर जैन जी ने दी।*

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