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डॉक्टर झिली बासु की किताब एसेंस ऑफ वूमनहुड का विमोचन

चंडीगढ़:-चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आज डॉक्टर झिली बासु*  की किताब एसेंस ऑफ वूमनहुड का विमोचन गुरु मां डॉ शोभा कोसर* प्राचीन कला केंद्र, सुनीता नैन डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन डिपार्टमेंट हरियाणा पंचकूला, डॉ मनजीत सिंह बल हेड पैथोलॉजी विभाग , डॉ नवनीत कौर विभागाध्यक्ष और समाजसेवी रवीन्द्र सिंह बिल्ला द्वारा किया गया।
 डॉक्टर झिली बासु एमएमयू सोलन में फार्माकोलॉजी विभाग मे असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थी। अपनी किताब  *एसेंस ऑफ वूमनहुड* के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह ढाई साल से इस किताब पर काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि उनके लिए यह किताब एक परिवर्तन यात्रा है। मानवीय संवेदना से ओतप्रोत इस किताब में छोटी-छोटी तकनीकों के बारे में बताया गया है जिसका इस्तेमाल करके व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से अपनी जिंदगी मे बदलाव कर सकते हैं। डॉक्टर झिल्ली का कहना है कि एक महिला होने के नाते वह महिला की परेशानियों को बहुत अच्छे ढंग से समझती है। महिलाओं के लिए यह किताब बहुत लाभदायक होगी लेकिन ऐसा कहना भी गलत होगा, क्योंकि परेशानी महिला और पुरुष दोनों को आती है। अपनी समस्याओं को अध्यात्मिक ढंग से कैसे सुधारा जाए इसी का मूल मंत्र इस किताब में है। इसमें दिए गए छोटे-छोटे तकनीकी टूल्स की मदद से आदमी ना केवल अपनी जिंदगी को संवार सकता है बल्कि उसमें एक प्रभावशाली परिवर्तन भी ला सकता है।

  डॉ शोभा कौसर और सविता नैन ने कहा कि यह किताब वाकई  बहुत शिक्षाप्रद और लाभप्रद है। 

समाजसेवी रविंद्र सिंह बिल्ला ने डॉक्टर झिल्ली का धन्यवाद किया जिन्होंने उन्हें इस मौके पर शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम के संचालक किशोर कुमार विद्रोही ने किताब की मुक्त कंठ से किताब और इसके विषय वस्तु की सराहना की। डॉक्टर झिली बासु के प्रेरक तथा किताब के एडिटर *डॉ  मंजीत सिंह बल* जो कि खुद भी एक नामी-गिरामी लेखक और मशहूर कलाकार है, ने बताया कि उन्होंने इस किताब को एडिट करते वक्त खुद एक आध्यात्मिक अनुभव किया। 

इस मौके बोलते हुए डॉक्टर शोभा कोसर ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह किताब उन को केंद्रित करके लिखी गई है। उन्होंने कहा कि किताब का केंद्र बिंदु भी हार नहीं मनाना है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से आप उन्नति करते हुए अपने जीवन की बेहतर बना सकते हैं। मैंने भी कभी हार नहीं मानी, कैंसर से लड़ते हुए भी आगे बढ़ने का सोचा।
वहीं सुनीता नैन ने कहा की ये किताब डॉक्टर झिली की दुर्दर्शिता दिखलाती है, जो इशारा कर रही है कि आने वाले समय में डॉक्टर झिल्ली और भी बेहतर किताब लेकर आएंगी, जिसका इंसान और समाज का फ़ायदा होगा।

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