चंडीगढ़ 17 सितंबर ()रविवार को पंजाब भाजपा के दफ्तर सेक्टर 37ए चंडीगढ़ में भाजपा के राष्ट्रीय नेता सुखमिंदर पाल सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में पंजाब भाजपा की जारी सूची में वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने सबंधी मीटिंग रखी गई थी, लेकिन पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस मीटिंग को भाजपा कार्यालय में नहीं होने दिया और यह मीटिंग पार्टी कार्यालय के बाहर ही करनी पड़ी। भाजपा अध्यक्ष के इस निर्णय के कारण पूरे पंजाब से भाजपा कार्यालय बड़ी संख्या में पहुंचे नेताओं व कार्यकर्ताओं में भारी रोष पाया जा रहा है। इसके बाद भाजपा नेता ग्रेवाल को मीडिया के सामने अपनी बात कार्यालय के बाहर ही रखनी पड़ी। भाजपा नेता सुखमिंदर पाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि आज उनके साथ पंजाब भर से साथी आए है। उन्होंने कहा कि आज जिस दफ़्तर में उन्हें बैठने से मना किया जा रहा है, इस दफ्तर की शुरुआत के समय वह भाजपा युवा मोर्चा का अध्यक्ष थे। इसके निर्माण में उनका पूरा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोग भाजपा को व्यपारियों की पार्टी कहते थे, लेकिन हम इसे आम लोगो के बीच लेकर गए। उन्होंने कहा कि अब यह समय आ गया है कि जिस दफ्तर को हमने बनाया, वहां पर सुनील जाखड़ की ओर से उन्हें कहीं बैठने और किसी को बिठाने से मना किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भाजपा कार्यालय में उन्होंने मीडिया के लिए भी इंतजाम किया था, लेकिन उनको भी बाहर ही उनकी बात सुननी पड़ी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब संगठन कमजोर हुआ, तब दिल्ली से कॉल आती थी, उन्होंने तब भी वहां प्रोग्राम किए, जहां पर भाजपा की आवाज जानी मुश्किल थी।
उन्होंने कहा कि सुनील जाखड़ के अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा के पुराने नेताओं को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आए लोगों को उनके स्थानों पर बिठा दिया। उन्होंने कहा कि जबकि उनको दूसरी जगह पर चुनाव लड़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिनको कांग्रेस पार्टी में टिकट नहीं मिला, वह यहां भारी सुरक्षा लेकर घूम रहे है। उन्होंने कहा कि इस कारण पार्टी का वर्कर नमोशी में है। उन्होंने कहा कि इस समय हम 6 प्रतिशत पर है, लेकिन इन कारणों से आगे और पिछड़ेंगे।
ग्रेवाल ने कहा कि 30 वर्ष लगाकर दफ्तर निर्माण करने वाले हम बाहर खड़े है और बाहर वाले अंदर हैं। उन्होंने नए लोगों पर उपचुनाव के समय पैसा खाने के आरोप भी लगाए।
उन्होंने कहा कि उनके गांव के लोग आज उनके साथ खड़े हैं। उन्हें कहा कि उन्हें पद या पोस्ट का कोई लालच नहीं है, बल्कि उन्होंने तो विदेशों में भी पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया है।
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