चंडीगढ़ दिगम्बर जैन मंदिर में परम पूज्य आचार्य गुरु महाराज सुबलसागर जी महाराज का अवतरण दिवस अर्थात जन्म महोत्सव मनाने के लिए बाहर से सैंकड़ों भक्त परिवार सहित आए।
सभा के प्रारंभ में तनिष जिंगल चंडीगढ़ के भाई के द्वारा भव्य मंगलाचरण की प्रस्तुति हुई। फिर श्री विपिन शिखा जैन कोचिंग सेन्टर की लड़कियों के द्वारा भव्य नृत्य भक्ति की प्रस्तुति हुई। बाहर से पधारे श्री चेतन नियोड़िया दिलीप आदि भाईयों के द्वारा गुरुरेव को शास्त्र भेंट किया गया। और श्री मान रजनीश जी चडीगढ़ परिवार के द्वारा गुरूदेव के चरणों का पाद प्रच्छालन हुआ। और लखनऊ से पधारे श्री मान मनोज-अंकित-बाई जी पीयूष के द्वारा गुरुदेव की मंगल आरती की गई।
टिकैतनगर उ०प्र० से 25 लोगों को लेकर श्री मान संदीप जी और जयपुर से 8 लोगों के श्री दिलीप चेतन जी और अहमदाबाद, ग्वालियर, भिण्ड, लखनऊ, टीकमगढ़ आदि लोगों ने अपने गुरुदेव का जन्म महोत्सव बना कर खुशी व्यक्त की और चंडीगढ़ के मुख्य अतिथियों में श्री मान अंकुर आलिया जी कमीशनर इनकम टेक्स ने आकर गुरुदेव को बंधाई दी और श्री अजय जी एडवोकेट जी ने भी मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।
आचार्य श्री ने कहा कि समय को कोई पकड़ नहीं सकता है, समय को कोई जान नहीं सकता है यह तो एक-एक पल होकर निकल रहा है। यदि चिंतंवन किया जाऐ कि यह जीव क्या कर है तो विचार आता है कि यह मनुष्य बहुमूल्य रत्नों रूपी जीवन को खोकर खाली हाथ ही वापिस जाता है। जब जन्म होता है तो यह हाथों की मुट्ठी में पुण्य रूपी संपत्ति लेकर आता है और जाता है तो पुण्य को खाली कर हाथ फैला कर ही मरण को प्राप्त होता है । प्यारे बंधुओं ! खुशी मनाते है कि हमारे जीवन के 1 वर्ष, 10 वर्ष, 20 वर्ष आदि निकल गये अब कितने और बचे है इसका चिंतंवन नहीं हैं। आपने तो गुरू का जन्म महोत्सव मनाया और बहुत ही पुण्य को कमाया है। यह पुण्य ही साक्षात् कर्मो की निर्जरा का कारण है। यह गुरु का जन्म दिवस नहीं यह जिनशासन का जन्म दिवस है। यह जिनशासन की प्रभावना करने वाले का जन्म दिवस है ऐसे करने से ही सारे देश में जिनशासन की पताका फैलेगी। यह जानकारी बाल ब्र. गुंजा दीदी एवं श्री धर्म बहादुर जैन जी ने दी
No comments:
Post a Comment