चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़ की सर्वे एजेंसी पब्लिक व्यूज़ एण्ड मीडिया रिसर्च (पीवीएमआर) का हिंदी बेल्ट के तीनों राज्यों में भाजपा की सरकारें बनने का दावा शत-प्रतिशत सही निकला। एजेंसी के निदेशक राजीव जिंदल ने इस सफल अभियान के बाद जारी अपने वक्तव्य में कहा कि देश में हुए तीन प्रदेशों के विधानसभा चुनाव में सभी चैनलों ने एवं एजेंसियों ने एग्जिट पोल कर दावा किया था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी आगे रहेगी लेकिन, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के आगे चल रही है या फिर भाजपा कांटे की टक्कर में है। लेकिन उनकी एजेंसी ने स्पष्ट दावा किया था कि बीजेपी इन तीनों हिंदी प्रदेशों में स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने जा रही है। उनकी एजेंसी के एग्जिट पोल का यह दावा शत-प्रतिशत ठीक निकला। उन्होंने कहा कि उनकी टीम के एनालिस्ट एवं निदेशक जगदीश गुप्ता ने 45 दिन में अपनी रिपोर्ट तैयार कर भारत के सभी चैनलों को गलत साबित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि बीते वीरवार को पांच राज्यों के एग्जिट पोल्स विभिन्न मीडिया माध्यमों ने प्रसारित-प्रकाशित किए जिनमें लगभग सभी ने छत्तीसगढ़ तथा मध्यप्रदेश में राज एवं राजस्थान में रिवाज बरक़रार रहने का पूर्वानुमान दर्शाया जबकि कहीं-कहीं मध्यप्रदेश में कांटे की टक्कर भी बताई जा रही है। इसी बीच चण्डीगढ़ की एक सर्वे एजेन्सी ने भी हिंदी बेल्ट के इन तीनों राज्यों में एग्जिट पोल्स करवाए जिनमें दावा किया गया है कि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में भाजपा आसान या पूर्ण बहुमत के साथ सरकारें बनाने जा रही है।
पब्लिक व्यूज़ एन्ड मीडिया रिसर्च नामक इस एजेन्सी के सर्वे में छतीसगढ़ की 90 सीटों में से भाजपा को 47, कांग्रेस को 38 व अन्य को 05 सीटें मिलती दिखाई गईं जबकि मध्यप्रदेश कि 230 सीटों में भाजपा को 148, कांग्रेस को 68 व अन्य को 20 सीटें तथा राजस्थान की 200 सीटों में से भाजपा को 122, कांग्रेस को 78 व अन्य को 9 सीटें मिलने का पूर्वानुमान दर्शाया गया था।
एजेन्सी ने उक्त आंकड़े जारी करते हुए हुए कहा था कि ये पूर्वानुमान सिर्फ 5 फ़ीसदी ऊपर-नीचे रह सकता है।
आज अन्य सर्वे एजेंसियों के साथ-साथ इस एजेंसी द्वारा भी जारी आंकड़ों की असलियत सबके सामने है परन्तु यहां ये उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में हुए चण्डीगढ़ नगर निगम के चुनावों में इस पब्लिक व्यूज़ एन्ड मीडिया रिसर्च एजेन्सी ने एग्जिट पोल कराया था जिसमें कांग्रेस को 14, भाजपा को 12 व आप पार्टी को 8 सीटें मिलती दिखाई गईं थीं जबकि असल नतीजों में कांग्रेस को 8, भाजपा को 12 व आप पार्टी को 14 सीटें मिली थीं यानि भाजपा की सीटों का आंकड़ा तो बिल्कुल सही रहा जबकि कांग्रेस आप के आंकड़ों में अदला-बदली हो गई।
इसके बाद पंजाब विधानसभा के चुनाव में इस सर्वे एजेंसी ने अन्य एग्जिट पोल्स के विपरीत दावा किया था कि आम आदमी पार्टी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर 100 का आंकड़ा पार कर जाएगी, जो कि बिल्कुल सही रहा।
इसी प्रकार दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी सभी एग्जिट पोल्स ने दावा किया था कि भाजपा 20 सीटों पर सिमट जाएगी जबकि इस सर्वे एजेंसी ने दावा किया था कि भाजपा 100 आंकड़ा पार कर कांटे की टक्कर देगी। तब भाजपा ने 116 सीटें लेकर सबको चौंका दिया था।
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