Latest News

अध्यापक दिवस पर स्वर सप्तक सोसायटी द्वारा वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित

चंडीगढ़ 5 सितम्बर 2023: अध्यापक दिवस पर स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व कलकत्ता द्वारा सोसायटी की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी  डॉ संगीता चौधरी (लाहा) के नेतृत्व में वर्चुअल संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें डॉ संगीता चैधरी के संगीत विद्यार्थियों ने गुरु की वंदना के उपरांत शास्त्रीय गायन, भजन, सदाबहार गीत प्रस्तुत कर सभी उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों द्वारा अपनी संगीत शिक्षिका को अध्यापक दिवस पर सम्मान से विभूषित करना था।

वर्चुअल संगीत कार्यक्रम में संगीत के जूनियर विद्यार्थियों ने शास्त्रीय गायन, व सदाबहार गीत बखूबी प्रस्तुत किए। 12 वर्षीय रिहाना कौशल ने बंदिश (राग भूपाली) में निबद्ध ’नमन कर चतुर श्री गुरु चरण’ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर खूब प्रशंसा बटोरी। 9 वर्षीय ऋषिथ भारद्वाज, राग अलहैया बिलावल में ’बिनति सुनो’, बखूबी प्रस्तुत किया।  जबकि अमेरिका से 8 वर्षीय काव्या रॉय ने राग यमन तथा आहना रॉय ने राग दुर्गा में शास्त्रीय गायन प्रस्तुत कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। 6 वर्षीय उज्जवैनी सेन ने अपने गायन में सदाबहार गीत ’बड़े अच्छे लगते हैं’ से सभी का मन मोह लिया। 8 वर्षीय आलियाना कौशल ने ’दिल है छोटा सा, छोटी सी आशा’, गाना प्रस्तुत कर सभी को थिरकने पर मजबूर कर दिया। वहीं 9 वर्षीय नितारा महाजन ने इंग्लिश सांग ’टाइटैनिक’ सुंदरता से प्रस्तुत किया। 12 वर्षीय रोहन झांजी ने लग जा गले से तथा 19 वर्षीय बलाका मुंशी ने ’जिंदगी प्यार का गीत है’ के साथ अपना गायन समाप्त किया।
 
वहीं दूसरी ओर संगीत के वरिष्ठ विद्याथियों में अंजलि सूरी- राग यमन में शास्त्रीय संगीत गायन से अपनी प्रस्तुति देकर सभी को प्रशंसा बटोरी। वहीं सुनीता कौशल ने संुदर भजन 'मधुबन में राधिका नाचे रे’ तथा कुसुम लता रावत ने ’अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं, जानकी वलभं’ भजन गाकर कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ममता गोयल ने एक पंजाबी गाना ’ओ माही वे’ प्रस्तुत किया। मनीषा गोयल ने ’होठों से छू लो तुम, गाना बखूबी गाया। तृप्ति गुप्ता, ’कहीं दूर जब दिन ढल जाएं’ प्रस्तुत किया, राजकुमार बातिश ने छूकर मेरे मन को, सुमन चड्ढा ’मन रे तू काहे ना धीर धरे’ प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर डॉ संगीता चौधरी (लाहा) ने अपने सभी विद्यार्थियों की गायन कविता प्रस्तुति की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अध्यापक और विद्यार्थी का रिश्ता सबसे अच्छा होता है। एक विद्यार्थी जिसका कर्तव्य होता है कि वह अपने अध्यापको को सम्मान दें और उनके द्वारा कही हुई बातों को अमल में लाए। जबकि अध्यापक का कर्तव्य होता है कि वह अपने द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को विद्यार्थियों को सही मायने में समझाने का प्रयास करें, वे ऐसी शिक्षा उन्हें दें जिससे उनका जीवन उज्जवल हो। उन्होंने बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। 

वर्चुअल संगीत कार्यक्रम में डॉ संगीता चौधरी के देश विदेश में रह रहे विद्यार्थियों ने भाग लिया।

No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates