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एमबी पावर और एसीसी मिलकर मध्य प्रदेश में भारतीय रेल के जरिए फ्लाई ऐश को ट्रांस्पोर्ट करेंगे

चंडीगढ़, 24 नवंबर, 2021: पर्यावरण की रक्षा हेतु अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए देश की अग्रणी ऊर्जा उत्पादक कंपनी एमबी पावर ने कंडीशंड फ्लाई ऐश की आपूर्ति शुरु कर दी है, भारतीय रेल के जरिए इसे कैमूर, कटनी स्थित एसीसी की सीमेंट फैक्ट्री में पहुंचाया जाएगा। एमबी पावर का थर्मल पावर प्लांट जैठारी, अनूपपुर, मध्य प्रदेश में है वहां से निकली कंडीशंड फ्लाई ऐश एसीसी सीमेंट तक जाएगी, इस तरह फ्लाई ऐश समुचित उपयोग हो सकेगा और सीमेंट उद्योग को बढ़ावा देने में भी मदद होगी। एमबी पावर का अनूपपुर संयंत्र ऐसे पहले चुनिंदा संयंत्रों में से एक है जिन्होंने देश में इस प्रकार की पहल की है। 
फ्लाई ऐश की पहली खेप को मध्य प्रदेश के शहडोल प्रभाग से रवाना किया गया। अपनी किस्म की इस पहली रवानगी के मौके पर शहडोल डिविजन के कमिश्नर श्री राजीव शर्मा, अनूपपुर ज़िले की कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा, अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक श्री अखिल पटेल एवं एमबी पावर के प्लांट हैड व सीओओ श्री बीके मिश्रा उपस्थित थे। 

शहडोल डिविज़न के पुलिस कमिश्नर श्री राजीव शर्मा ने कहा, “फ्लाई ऐश मैनेजमेंट और पावर प्लांट के इस बायप्रोडक्ट के उपयुक्त इस्तेमाल हेतु यह पहल बहुत अहम है। इस तरह इस इलाके में यातायात से लेकर पर्यावरण तक कई पेचीदा समस्याओं का यह एक समाधान है। इससे अन्य उद्योगों को भी प्रेरणा मिलेगी।”
 
अनूपपुर जिले की कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा ने अपनी राय साझा करते हुए कहा, “भारी वाहनों के जरिए फ्लाई ऐश का परिवहन इस इलाके में एक बड़ी चुनौती है। इस पहल से एमबी पावर ने इस क्षेत्र में यातायात और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद दी है। इस किस्म की पहल बहुत ही नेक पहल जिसका अनुसरण अन्यों को भी करना चाहिए।”

एमबी पावर-अनूपपुर के प्लांट हैड व सीओओ श्री बीके मिश्रा ने कहा, “हमारे लिए यह गौरव का क्षण है। यह पहल स्पष्ट तौर पर दर्शाती है की हम जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक हैं। स्थानीय समुदाय समेत सभी पक्षों के लिए यह बहुत ही लाभ का विषय है।”

रेल का उपयोग करते हुए फ्लाई ऐश की मात्रा को ट्रांस्पोर्ट किया जा सकता है। यह परिवहन लागत-प्रभावी व तीव्र है, समय की बचत करता है और साथ ही पर्यावरण के भी अनुकूल है। बड़े ट्रक के जरिए केवल 20 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश भेजी जा सकती है लेकिन रेल द्वारा एक बार में 3500-4000 मीट्रिक टन फ्लाई ऐश को ट्रांस्पोर्ट किया जा सकता है। इससे न सिर्फ सड़क दुर्घटनाएं घटेंगी, यातायात व भारी वाहनों से होने वाली दिक्कतें कम होंगी बल्कि पर्यावरण के लिए भी यह अनुकूल साबित होगा। 

“हमें बहुत गौरव अनुभव हो रहा है की हमने यह कदम उठाया और अपने संयंत्र को अपग्रेड करने के लिए हम सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं की बिजली उत्पादन के दौरान उत्पन्न होने वाली फ्लाई ऐश का पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उपयोग हो सके,” मिश्रा ने कहा।

एसीसी लिमिटेड के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “अगले दशक के लिए एसीसी की संवहनीयता रणनीति है- सस्टेनेबल डैवलपमेंट 2030 प्लान, जो कंपनी समूह की समग्र संवहनीय विकास योजना के मुताबिक है जिसके तहत चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है- मौसम, सर्कुलर इकोनॉमी, पानी व प्रकृति और लोग एवं समुदाय। फ्लाई ऐश को रेल द्वारा लेकर जाना भी उपरोक्त चार में ही शामिल है। एसीसी और एमबी पावर का आपसी रिश्ता बहुत मजबूत है और कंडीशंड फ्लाई ऐश को रेल जैसे पर्यावरण अनुकूल परिवहन माध्यम से भेज कर दोनों कंपनियां एक दूसरे की मदद कर रही हैं।’’

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