चंडीगढ़, नवंबर 13, 2021:चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में चल रहे 'एक हाथ आशा का' नि:शुल्क कृत्रिम हाथ शिविर के दूसरे दिन आज लगभग 900 लोग लाभान्वित हुए। टेंजिएंस फाउंडेशन के ग्लोबल एलएन4 एम्बेसडर, के वी मोहन कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। तीन-दिवसीय शिविर का समापन रविवार को होगा। समापन समारोह की अध्यक्षता चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू करेंगे।
"एक हाथ आशा का" - नि:शुल्क एलएन4 हाथ वितरण एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन रोटरी क्लब चंडीगढ़ सेंट्रल द्वारा रोटरी क्लब ऑफ पूना डाउनटाउन के सहयोग से किया जा रहा है। जरूरतमंद व्यक्तियों को कृत्रिम हाथ दान करने के अलावा इन कृत्रिम अंगों की उपयोगिता का प्रदर्शन भी किया जा रहा है। शिविर में लगभग 1532 कृत्रिम हाथ दान किए जाने की योजना है। मौजूदा शिविर की सफलता से उत्साहित होकर इसी तरह का एक और शिविर फरवरी, 2022 में लगाने की योजना है।
हाथों का निर्माण एलेन मीडोज प्रोस्थेटिक हैंड फाउंडेशन, यूएसए द्वारा किया गया है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों के दिव्यांगों ने शिविर के लिए पंजीकरण कराया है।
नि:शुल्क हाथ शिविर 10 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों और ऐसे बुजुर्गों के लिए है, जिन्होंने किसी दुर्घटना में अपना हाथ खो दिया या इसे किसी वजह से काटना पड़ गया। अमेरिका में निर्मित यह हाथ 400 ग्राम वजन का है और कोहनी के नीचे लगाने के लिए उपयुक्त है।
उत्तरी क्षेत्र में यह अपनी तरह का पहला शिविर है। बताया गया है कि एलएन4 हाथ लगने के बाद लाभार्थी दिन-प्रतिदिन के कार्य कर सकेंगे। रोटरी क्लब चंडीगढ़ सेंट्रल के अध्यक्ष आशीष मिधा ने कहा कि हाथ लगने के बाद निश्चित रूप से लाभार्थियों और उनके परिजनों के जीवन में सुखद बदलाव आएगा।
एलएन4 कृत्रिम हाथ पहले ही 80 देशों में लगभग 60,000 लोगों को लगाये जा चुके हैं। रोटरी क्लब और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में यह ईवेंट दर्ज कराने के लिए प्रयासरत हैं, क्योंकि यह ऐसे लोगों को हाथ लगाने का एक सबसे बड़ा शिविर है, जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
No comments:
Post a Comment