चंडीगढ़, 8 सितम्बर 2025: हरियाणा सरकार ने तकनीक और युवा सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। कृषि विभाग और हरियाणा स्किल डेवलपमेंट मिशन ने एवीपीएल इंटरनेशनल के साथ मिलकर हरियाणा निवास, चंडीगढ़ में ड्रोन पायलट्स और टेक्नीशियन्स का प्रमाणपत्र वितरण समारोह आयोजित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने 252+ डीजीसीए-प्रमाणित ड्रोन पायलट्स और 136 ड्रोन टेक्नीशियन्स को प्रमाणपत्र देकर उनका उत्साह बढ़ाया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने एवीपीएल एग्रीकल्चर ड्रोन पेविलियन और स्टार्टअप डिफेंस पेविलियन का भी उद्घाटन किया। यहाँ कृषि और रक्षा, दोनों क्षेत्रों में ड्रोन के इस्तेमाल का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही सिसाई (हिसार) में बने देश के सबसे बड़े डीजीसीए-मान्यता प्राप्त ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का ई-शुभारंभ किया गया। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 6 नए RPTO खोले गए, ताकि गाँव-गाँव में ड्रोन ट्रेनिंग आसानी से मिल सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि “हरियाणा के युवाओं में जबरदस्त क्षमता है कि वे ड्रोन टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ें। आज भारत युवाओं के दम पर ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की दिखाई राह पर चलते हुए 11वीं अर्थव्यवस्था से दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है।”
वहीं, एवीपीएल इंटरनेशनल की सह-संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक डॉ. प्रीत संधू ने कहा कि “हमें युवाओं को डीप टेक से जोड़ना होगा और उन्हें इनोवेशन की तरफ ले जाना होगा। हरियाणा के युवाओं में स्किल हासिल करने का सबसे ज्यादा जज़्बा है, इसी कारण 10 ड्रोन फ्लाईज़ोन सिर्फ हरियाणा में ही शुरू किए गए हैं।”डॉ. प्रीत संधू ने कहा कि यह समारोह आत्मनिर्भर हरियाणा की दिशा में अहम कदम है। डीजीसीए प्रमाणित स्किल्स से लैस युवा अब प्रोफेशनल्स के साथ-साथ समाज और कृषि में नेतृत्व भी करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल ग्रामीण युवाओं को बिना गाँव छोड़े उच्च वेतन वाले करियर और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराएगी। ड्रोन से खेती में प्रिसीजन फार्मिंग, स्प्रेइंग और निगरानी जैसी गतिविधियाँ आसान होंगी, वहीं रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र भी मजबूत होगा।
एवीपीएल इंटरनेशनल के चेयरमैन श्री दीप सिहाग सिसाई ने कहा कि हरियाणा सरकार के सहयोग से ही यह संभव हुआ है। अब ड्रोन तकनीक सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि हर गाँव, हर छात्र और हर किसान तक पहुँचेगी।
कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रीत संधू द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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