चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़ सफाई कर्मचारी यूनियन के चुनावी रणक्षेत्र में शुक्रवार को अचानक ऐसा धमाका हुआ, जिसने पूरे समीकरण हिला डाले। यूनियन के पूर्व प्रधान और कद्दावर नेता स्व. शामलाल घावरी के परिवार ने युवा उम्मीदवार मोनू बोहत को खुला समर्थन देने के साथ 51,000 की आर्थिक सहायता भी दी। इस घटनाक्रम ने न केवल मोनू के पक्ष को मजबूती प्रदान की, बल्कि विरोधी खेमों में खलबली भी मचा दी। यह कोई साधारण समर्थन नहीं बल्कि उस विरासत का आशीर्वाद है जिसे शामलाल घावरी वर्षों तक यूनियन में स्थापित करते आए थे। यूनियन के भीतर इस ऐलान को ट्रांसफर ऑफ पोलिटिकल लीगेसी के तौर पर देखा जा रहा है।
घोषणा के साथ ही बदले समीकरण -मोनू बोहत बना फ्रंट रनर
घावरी परिवार ने मोनू बोहत को यूनियन के भविष्य का सशक्त प्रतिनिधि बताते हुए सार्वजनिक तौर पर उनका समर्थन किया। इसी के साथ 51,000 का योगदान सौंपते हुए यह संदेश भी दे दिया कि अब मोनू ही संगठन की बागडोर संभालने के काबिल है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस कदम ने मोनू को बाकी उम्मीदवारों की तुलना में कई कदम आगे खड़ा कर दिया है। यूनियन के पुराने और जमीनी कार्यकर्ता अब इस नए समीकरण को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं।
मोनू का भावुक बयान - यह केवल धन नहीं, घावरी परिवार का मुझपर विश्वास है
इस अवसर पर मोनू बोहत ने कहा यह केवल चंदा नहीं, घावरी परिवार का मुझ पर विश्वास है। मैं यह भरोसा कभी टूटने नहीं दूंगा। यूनियन की हर आवाज़ मेरी जिम्मेदारी होगी। उनके इस बयान ने समर्थकों में एक नया जोश भर दिया। उन्होंने कहा की प्रधान बनते ही कर्मचारियों की हर समस्याओं को उठाएंगे और उसे जल्द से जल्द हल भी कराएंगे।
यूनियन ऑफिस के गलियारों तक, हर तरफ चर्चा सिर्फ एक ही नाम की मोनू बोहत। कई सदस्यों का मानना है कि घावरी परिवार की छवि और मोनू की ईमानदार कार्यशैली का संगम यूनियन की दशा-दिशा दोनों को बदल सकता है।
जैसे-जैसे मतदान की घड़ी नज़दीक आ रही है, यूनियन चुनाव एक रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है।
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