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बंटी ने चंडीगढ़ प्रशासक से वृद्धजन, दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन जल्द रिलीज करने की मांग की

चंडीगढ़:-- शहर के करीब 25 हजार वृद्धजन, दिव्यांग और विधवाएं अपनी  मासिक पेंशन की प्रतिक्षा पिछले कई महीनों से कर रहे है। जोकि आज तक नहीं मिली। इसी को लेकर चंडीगढ़ नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया जी को पत्र लिखा हैं, जिसमें पेंशन में बढ़ौतरी और जल्द पेंशन को रिलीज करने की अपील की गई हैं। जसबीर सिंह बंटी का कहना है कि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से शहर के करीब 25 हजार वृद्धजन, दिव्यांग और विधवाओं को मासिक पेंशन जारी की जाती है। चंडीगढ़ में वृद्धावस्था, दिव्यांग और विधवा पेंशन महज 1000 रुपये है। जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा ( जिसकी चंडीगढ़ राजधानी है) में इससे तीन गुना पेंशन मिलती है। नौ साल से पेंशन राशि में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है। इन वर्षों में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है, लेकिन पेंशन नहीं बढ़ाई गई है। महज 1000 रुपये की पेंशन के लिए भी लोगों को महीनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। जनवरी से अब तक पेंशन नहीं मिली है और लोग समाज कल्याण विभाग और संपर्क केंद्र के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं।
जनवरी के बाद से पेंशन नहीं आने की वजह से बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांग काफी परेशान हैं। वो पहले बैंक जाते हैं, तो जवाब मिलता है कि पैसे नहीं आए। कारण पता करने के लिए कई जब संपर्क केंद्र को पहुंचते हैं, तो उन्हें वहां से समाज कल्याण विभाग में पता करने के लिए भेज दिया है। विभाग में भी कोई ढंग से जवाब नहीं देता, यह प्रक्रिया पिछले कई महीनों से हो रहा है। 
जसबीर बंटी ने कहा कि क्या समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए भी बजट का इंतजार करना पड़ेगा? बुजुर्गों की पेंशन के लिए बजट खत्म हो जाना, ये गंभीर बात है। जब लाखों -करोड़ों की स्कीमें और प्रोजेक्ट बिना रुकावट चल सकते हैं, तब बुजुर्गों की 1000 रुपये की पेंशन के लिए बजट खत्म कैसे हो जाता है। सवाल यह भी उठते हैं कि हर साल इन योजनाओं का बजट तय होता है, लाभार्थियों की संख्या भी लगभग स्थिर रहती है। फिर आखिर ऐसा कैसे हो गया कि चार-चार महीने पेंशन देने लायक फंड ही नहीं बचा। क्या बजट की प्लानिंग में लापरवाही हुई, या कहीं फंड डायवर्ट कर दिए गए। जो प्रशासन अपने बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों को नजरअंदाज करता है, वह कितनी भी योजनाएं बना ले, वो एक संवेदनशील समाज की कल्पना नहीं कर सकता।
बंटी के मुताबिक हजारों वृद्ध और दिव्यांग लाभार्थी कई महीनों से पेंशन न मिलने के कारण आर्थिक और मानसिक संकट झेल रहे हैं। उन्होंने तुरंत पेंशन जारी करने, आगे से देरी न हो यह सुनिश्चित करने और एक पारदर्शी प्रणाली लागू करने की मांग की है। 

शहर में पेंशन की स्थिति
पेंशन वर्ग                     संख्या             राशि (रुपये) 
दिव्यांग                       4650             1000 (0-69 फीसदी) और 2000 (70 फीसदी से ज्यादा)
विधवा                        8592             1000 रुपये
वृद्धावस्था                   12,192            1000 रुपये

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