सोलन, 16 मई, 2025: फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकॉलोजी विभाग ने विश्व की सबसे उन्नत चौथी पीढ़ी की रोबोटिक तकनीक – द विंची एक्सआई की मदद से कई जटिल स्त्री रोगों का सफल इलाज किया है।
फोर्टिस मोहाली की ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकॉलोजी विभाग की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. दिव्या अवस्थी ने अनेक महिलाओं का जटिल गाइनाकोलॉजिकल समस्याओं से इलाज कर उन्हें सामान्य जीवन जीने में मदद की है।
पहले मामले में, 41 वर्षीय महिला हाल ही में फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली पहुंचीं। वह पिछले दो वर्षों से लगातार पेल्विक दर्द की शिकायत कर रही थीं। जांच में उनके शरीर में 15×12 सेंटीमीटर का एक बड़ा ट्यूबो-ओवरीयन मास (फैलोपियन ट्यूब और/या अंडाशय में पस से भरा हुआ सूजन) पाया गया, जो एंडोमेट्रियोसिस की ओर संकेत करता था।
एंडोमेट्रियोसिस एक अत्यंत पीड़ादायक स्थिति है, जिसमें गर्भाशय की अंदरूनी परत जैसी कोशिकाएं गर्भाशय के बाहर विकसित होने लगती हैं। यह बीमारी तेज़ दर्द, अनियमित मासिक धर्म और बांझपन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनती है। इस मामले की जटिलता का कारण ओवरी में मौजूद बड़े आकार का मास और आंतों व पेट की दीवार से उसकी घनी चिपकन (एडहेज़न) थी। मासिक धर्म के दौरान मरीज की स्थिति और भी गंभीर हो जाती थी, लेकिन वह सर्जरी को लेकर बेहद चिंतित थीं। चूंकि ऐसे मामलों में आंत को नुकसान पहुँचने की आशंका अधिक होती है, इसलिए कई डॉक्टरों ने उन्हें ओपन सर्जरी कराने की सलाह दी थी।
असहनीय दर्द के चलते मरीज ने हाल ही में फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में डॉ. दिव्या अवस्थी से संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि रोबोट- असिस्टेड सर्जरी इस स्थिति में सबसे उपयुक्त और प्रभावी उपचार विकल्प है। यह नवीनतम प्रकार की न्यूनतम चीरे वाली सर्जरी है, जिसमें रोगी के शरीर में एक विशेष कैमरा डाला जाता है जो ऑपरेशन क्षेत्र का 3डी दृश्य प्रदान करता है। शरीर के जिन हिस्सों तक सामान्य मानव हाथ नहीं पहुंच सकते, वहां तक 360 डिग्री घूमने वाले रोबोटिक आर्म्स की मदद से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
डॉ. दिव्या अवस्थी के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मरीज की रोबोट-असिस्टेड सर्जरी की। इस दौरान हाई-डेफिनिशन मैग्नीफाइंग कैमरों की मदद से शरीर में मौजूद घावों और चिपकाव (एडहेज़न) की पहचान की गई। चिन्हित हिस्सों को रोबोटिक आर्म्स में लगे विशेष उपकरणों की सहायता से सटीक रूप से काटकर हटा दिया गया। सर्जरी के केवल 12 घंटे बाद ही मरीज को चलने-फिरने योग्य बना दिया गया और तीसरे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। आज वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रही हैं।
मामले पर चर्चा करते हुए डॉ. दिव्या अवस्थी ने कहा, एडोमेट्रियोसिस भले ही जानलेवा न हो, लेकिन यह महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को गहराई से प्रभावित करता है। फोर्टिस मोहाली में मरीज की रोबोट-असिस्टेड सर्जरी की गई, जिसमें न के बराबर रक्तस्राव हुआ। और उन्हें बहुत जल्दी आराम मिला। मरीज खुद भी इस तेज़ और आसान रिकवरी को देखकर हैरान थीं और इसका श्रेय उन्होंने रोबोटिक तकनीक को दिया।
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