होशियारपुर, मई 21, 2025: फोर्टिस अस्पताल मोहाली के ऑर्गन ट्रांसप्लांट विभाग ने एक मरीज को मृत दाता से लीवर ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट के माध्यम से नया जीवन दिया है, जिसमें चंडीगढ़ से 46 वर्षीय मृत दाता का लीवर और दोनों किडनियाँ निकाली गईं और ट्रांसप्लांट की गईं। यह फोर्टिस अस्पताल मोहाली में किया गया 10वां कैडावर ऑर्गन डोनेशन केस है। सरकारी प्रोटोकॉल के अनुसार, एक किडनी दूसरे अस्पताल को दी गई है।
फोर्टिस अस्पताल मोहाली का ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रोग्राम इस अस्पताल की यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है कि जरूरतमंद मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं मिलें। इस प्रोग्राम की देखरेख ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. साहिल रैली, किडनी ट्रांसप्लांट कंसल्टेंट, और डॉ. मिलिंद मंडवर, एसोसिएट कंसल्टेंट, लीवर ट्रांसप्लांट द्वारा की जाती है, जिनके पास जटिल ट्रांसप्लांट सर्जरी करने का पांच साल से अधिक का अनुभव है।
कैडावर ऑर्गन डोनेशन एक कठिन प्रक्रिया है और इसे केवल उस मरीज पर किया जा सकता है जिसे मस्तिष्क मृत (ब्रेन डेड) घोषित किया गया हो। ब्रेन डेड घोषित करने के लिए चार डॉक्टरों की एक समिति मरीज का परीक्षण करती है, जिसमें मस्तिष्क का काम न करना, अनुत्तरदायी होना, मस्तिष्क-तंतु पर प्रतिक्रिया का न होना और कोमा जैसी स्थितियाँ शामिल हैं। समिति यह तय करने के लिए दो बार (हर 6 घंटे में) विचार करती है कि मरीज मृत है।
इस मामले में, 46 वर्षीय मरीज को तीव्र रक्तस्रावी स्ट्रोक के साथ फोर्टिस मोहाली लाया गया था। उसे मस्तिष्क मृत घोषित किया गया और 14 दिन बाद उसके परिवार ने उसके अंग दान करने की इच्छा जताई। इसके बाद फोर्टिस मोहाली और डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), मोहाली के डॉक्टरों की समिति ने मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया। अगले दिन, फोर्टिस मोहाली की लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट टीम ने दाता से अंग निकालने की प्रक्रिया की। लीवर और एक किडनी फोर्टिस मोहाली में ट्रांसप्लांट की गई, जबकि दोनों आँखें पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में संग्रहित की गईं। एक किडनी दूसरे अस्पताल को दी गई।
लीवर प्राप्तकर्ता, 52 वर्षीय मरीज, पिछले तीन साल से पुराने लीवर रोग से पीड़ित थे और वे बार-बार पेट में तरल पदार्थ की निकासी (पैरासेंटेसिस) करवा रहे थे। ऑर्गन ट्रांसप्लांट टीम ने डॉ. मिलिंद मंडवर और डॉ. साहिल रैली की देखरेख में लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की। मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुका है और आज सामान्य जीवन जी रहा है।
डॉ. रैली ने अंग प्रत्यारोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "सर्जरी को सफल बनाने के लिए डोनर और रिसीपिएंट(प्राप्तकर्ता) का सावधानीपूर्वक चयन बेहद जरूरी है। पहले तीन महीनों को छोड़कर, केवल कुछ ही डाइट संबंधी प्रतिबंध होते हैं। नियमित रूप से फॉलो-अप कराना आवश्यक है। डोनर की संख्या बढ़ाने के लिए एक रणनीति यह है कि एक्सटेंडेड क्राइटेरिया डोनर्स (यानी ऐसे बुज़ुर्ग डोनर जिनको कुछ चिकित्सकीय समस्याएं हों) को भी शामिल किया जाए और ड्यूल किडनी ट्रांसप्लांट किए जाएं, जिससे लंबे समय तक अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकें।”
डॉ. रैली ने अंग दान की प्रक्रिया को लेकर चिकित्सा समुदाय को संवेदनशील बनाने और आम जनता को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी जोर दिया कि राज्य में ब्रेन डेड ट्रॉमा मरीजों से अंग दान की दर बढ़ाने के लिए ट्रॉमा और न्यूरोलॉजी सेंटरों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।
डॉ. मंडवर ने कहा, “एंड स्टेज लिवर फेलियर से पीड़ित मरीजों के लिए लिवर ट्रांसप्लांट ही एकमात्र प्रभावी इलाज है, लेकिन हर साल चार लाख से अधिक मरीज अंगों की कमी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। हम अंग दान के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सभी से अपील करते हैं कि वे अंग दाता के रूप में पंजीकरण करने पर विचार करें और अपने परिजनों के साथ इस विषय पर बातचीत करें।”
वर्तमान में फोर्टिस मोहाली में राज्य में लिवर, किडनी, पैंक्रियास और हार्ट ट्रांसप्लांट की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण खुले हैं। अधिक जानकारी के लिए हमसे +916283722996 पर संपर्क करें।
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