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फोर्टिस मोहाली में रोबोटिक सर्जरी से पेट के कैंसर से पीड़ित 59 वर्षीय व्यक्ति को मिला नया जीवन

सोलन: फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट, फोर्टिस अस्पताल मोहाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विभाग ने रोबोट-असिस्टेड डिस्टल रेडिकल गैस्ट्रेक्टमी(पेट के कैंसर में आंशिक या पूर्ण पेट हटाने की प्रक्रिया) और डी2 लिम्फैडेनक्टमी (स्थानीय लिम्फ नोड्स हटाकर उनकी जांच करने की प्रक्रिया) के माध्यम से स्टमक कैंसर से पीड़ित एक 59 वर्षीय मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया।  
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के जीआई सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जन, सलाहकार डॉ. जितेंद्र रोहिला के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने हाल ही में 59 वर्षीय मरीज का इलाज किया।
मरीज को लंबे समय से अत्यधिक कमजोरी, पेट दर्द, भूख में कमी, तेजी से वजन घटने और पाचन से संबंधित समस्याएं हो रही थीं। अन्य चिकित्सा संस्थान में किए गए विभिन्न परीक्षणों – जैसे रक्त जांच और सीटी स्कैन में स्टमक कैंसर की पुष्टि हुई।

इसके बाद मरीज ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डॉ. जितेन्द्र रोहिला से परामर्श किया, जहां बायोप्सी के माध्यम से पता चला कि वह एडेनोकार्सिनोमा (पेट की परत में उत्पन्न होने वाला एक प्रकार का कैंसर) से पीड़ित हैं। पीईटी स्कैन से कैंसर के तीसरे चरण (स्टेज 3) में होने की पुष्टि हुई, जिसमें स्थानीय लिम्फ नोड्स भी प्रभावित थे।  

कैंसर को सिकोड़ने के लिए मरीज को चार चक्र कीमोथेरेपी दी गई, जिसके बाद रेडिकल सर्जरी की योजना बनाई गई। मरीज की रोबोट-असिस्टेड डिस्टल रेडिकल गैस्ट्रेक्टमी सर्जरी सफलतापूर्वक की गई, जिसमें कैंसरयुक्त ट्यूमर और स्थानीय लिम्फ नोड्स पूरी तरह हटा दिए गए।  

सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी सहज रही – मरीज सर्जरी के दूसरे दिन चलने लगे और पांचवें दिन पूर्ण मौखिक आहार (ओरल डाइट) के साथ अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जी रहे हैं।  

रोबोटिक सर्जरी के महत्व पर चर्चा करते हुए, डॉ. जितेन्द्र रोहिला ने कहा कि इस केस का विशेष महत्व है क्योंकि इतनी जटिल सर्जरी केवल भारत के कुछ चुनिंदा अस्पतालों – जैसे कि फोर्टिस अस्पताल मोहाली में ही की जाती है। यह सफलता फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट की उन्नत चिकित्सा क्षमताओं और विशेषज्ञता को दर्शाती है, जहां रोगियों के इलाज के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण (मल्टी-डिसिप्लिनरी एप्रोच) अपनाया जाता है।

रोबोटिक सर्जरी के फायदों के बारे में बताते हुए, डॉ. रोहिला ने कि रोबोटिक सर्जरी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की सबसे आधुनिक तकनीक है। इसमें एक विशेष कैमरे की मदद से शरीर के अंदर का 3डी  दृश्य देखा जा सकता है।

रोबोट-असिस्टेड आर्म्स, जो 360 डिग्री तक घूम सकते हैं, उन क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम हैं, जहां सामान्य मानव हाथ नहीं पहुंच सकते। इससे कैंसरयुक्त ट्यूमर और लिम्फ नोड्स को अत्यधिक सटीकता के साथ हटाया जा सकता है, जिससे पेट की अधिकतम कार्यक्षमता सुरक्षित रहती है। इस तकनीक से मरीजों की सर्जरी के बाद की रिकवरी तेज होती है और वे जल्दी से सामान्य आहार लेना शुरू कर सकते हैं।

फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट अपने व्यापक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर उपचार सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यह संस्थान परिटोनियल सरफेस कैंसर के उन्नत उपचार विकल्प जैसे कि हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (एचआईपीईसी) और प्रेशराइज्ड इंट्रा-पेरिटोनियल एरोसोल कीमोथेरेपी (पीआईपीएसी) भी प्रदान करता है। ये अत्याधुनिक तकनीकें कैंसर प्रभावित क्षेत्रों में सर्जरी के दौरान लक्ष्यित कीमोथेरेपी पहुंचाती हैं, जिससे उपचार की प्रभावशीलता बढ़ती है और दुष्प्रभाव कम होते हैं।

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