चंडीगढ़, 29 अप्रैल 2025:* पांचवां चंडीगढ़ म्यूज़िक एंड फिल्म फेस्टिवल विभिन्न फिल्म स्क्रीनिंग, संवाद सत्रों और अन्य कार्यक्रमों के साथ संपन्न हो गया। जानेमाने अभिनेताओं, फिल्म निर्माताओं और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कलाकारों ने इस आयोजन में अपने बहुमूल्य अनुभवों से युवाओं को प्रेरित किया।
भारतीय फिल्म और संगीत उद्योग की जानी-मानी हस्तियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इनमें राहुल रावैल, निर्मल ऋषि, अली असगर, प्रीति सप्रू, इनामुल हक, मुश्ताक खान, दिव्येंदु भट्टाचार्य, मनीष वाधवा, अनंग देसाई, सुनीता धीर, रूपिंदर रूपी, करमजीत अनमोल, सुल्ताना नूरन, सीमा कौशल, मलकित रौनी, विजय पाटकर और अन्य कलाकार शामिल थे।
इन दिग्गज हस्तियों द्वारा संचालित सत्र इस फेस्टिवल का प्रमुख आकर्षण थे। इन सत्रों के माध्यम से इन्होंने अभिनय की बारीकियों, भावनात्मक गहराइयों और फिल्म उद्योग के व्यावसायिक पक्षों के बारे में अपने अनुभव साझा किए। चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने इन संवादों को अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक पाया।
*फेस्टिवल निदेशक श्री राजेश शर्मा ने कहा,* “चंडीगढ़ म्यूज़िक एंड फिल्म फेस्टिवल कला की उत्कृष्टता और रचनात्मकता का एक अद्वितीय उत्सव रहा है। हम उन सभी कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जिनकी प्रतिबद्धता और सहभागिता ने इस आयोजन को सफल बनाया। हमें विश्वास है कि यहां प्राप्त ज्ञान और प्रेरणा उभरते कहानीकारों को उद्योग में सार्थक योगदान देने के लिए सक्षम बनाएंगे। हम भविष्य के संस्करणों में अपने युवा प्रतिभाओं की रचनात्मकता को देखने के लिए उत्साहित है"।
*प्रसिद्ध सूफी गायिका सुल्ताना नूरां ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा,* "अपने सपनों को पूरा करो, लेकिन ईमानदारी के साथ। जो तुम्हारा दिल कहे, वही करो। बस उस रास्ते पर सच्चाई और समर्पण के साथ चलो और ऐसे बनो कि तुम्हारे माता-पिता को तुम पर गर्व हो। अपनी संस्कृति का ध्यान रखो और उसके साथ आगे बढ़ो।"
*चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. एस.एस. सहगल ने कहा,* “हमें गर्व है कि हमने पांचवें चंडीगढ़ म्यूज़िक एंड फिल्म फेस्टिवल की मेज़बानी की। इस प्रकार के आयोजन छात्रों को उद्योग के दिग्गजों से सीधे जुड़ने का अवसर देते हैं और उन्हें प्रेरित और सशक्त बनाते हैं। ऐसे मंच रचनात्मकता को प्रज्वलित करते हैं और भावी कहानीकारों को सिनेमा और संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार करते हैं।”
27 से 29 अप्रैल 2025 तक आयोजित इस संस्करण में स्वतंत्र और लघु फिल्मों की कुछ चुनिंदा फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। यह फिल्में क्षेत्रीय फिल्म निर्माताओं की रचनात्मक दृष्टि और सोच को प्रस्तुत करती नजर आई।
कुछ उल्लेखनीय इस प्रकार थी।
“एड्रेस” (निर्देशक: अनमोल थिंड),
“आभास” (निर्देशक: सचिन राहेला),
“टिकट” (निर्देशक: सर्व सिंह),
“ट्रेंड” (निर्देशक: अजय सहोता),
“आशिकी ऑन लूप” (निर्देशक: विकी भारद्वाज),
“मांडवी का मलम” (निर्देशक: नकुल जैन),
“अंग्रेजी वाली मैडम” (निर्देशक: फतेह),
“ग्लिच” (निर्देशक: नव सिद्धू),
“मतलब” (निर्देशक: गग्गी सिंह),
“होला मोहल्ला - द सिख फेस्टिवल” (निर्देशक: गुरसिमरन सिंह),
“मुनाफा” (निर्देशक: सपिंदर सिंह शेरगिल),
“किरदार” (निर्देशक: जशन सिंह अर्नेजा),
“चिट्टा वर्सेज मापे” (निर्देशक: सिमीप्रीत कौर),
“सिफर – टू द कल्मिनेशन ऑफ थिंग्स” (निर्देशक: बलप्रीत कौर),
“कच्ची उम्र” (निर्देशक: डॉ. अभिलाषा प्रजापति),
“मैं या भगत” (निर्देशक: निशा लूथरा),
“छलेदा” (निर्देशक: रविंदर बराड़),
“द वॉलेट” (निर्देशक: सौमित्र सिंह),
“द स्टार हू फेल टू अर्थ” (निर्देशक: एलेसांद्रो मैनाबोस्को),
“लाइफ इनसाइड ऑफ होमलेस फैमिली” (निर्देशक: संजय कुमार),
“द शूज़ आई वोर” (निर्देशक: संजय चरण),
“कल आज और कल” (निर्देशक: विक्की खंडपुर),
“इप्सा” (निर्देशक: पवित्रा वर्मा),
“टू लाइन्स” (निर्देशक: मुसाफिर बनी)।
चंडीगढ़ म्यूज़िक एंड फिल्म फेस्टिवल न केवल सिनेमा का उत्सव था, बल्कि यह उभरती प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने, समुदायों को जोड़ने और कहानी कहने के नए अंदाज़ को प्रेरित करने वाला एक सशक्त मंच भी साबित हुआ।
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