Latest News

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने डायलिसिस रोगियों के लिए सहायता ग्रुप - सहायक के साथ विश्व किडनी दिवस मनाया

मोहाली, 14 मार्च, 2024ः किडनी से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली ने सहायक - डायलिसिस रोगियों के लिए एक सहायता गु्रप के लॉन्च के साथ विश्व किडनी दिवस मनाया। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के नेफ्रोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमित शर्मा ने मरीजों को संबोधित किया और किडनी रोग को रोकने में मदद के लिए शीघ्र निदान के महत्व पर जोर दिया।
 विश्व किडनी दिवस हर साल मार्च के दूसरे वीरवार को मनाया जाता है। इस वर्ष के आयोजन का विषय है सभी के लिए किडनी स्वास्थ्य देखभाल और इष्टतम दवा अभ्यास तक समान पहुंच को आगे बढ़ाना। सत्र में लगभग 35 रोगियों ने अपने परिचारकों के साथ हेल्थ केयर विशेषज्ञों के साथ चिकित्सा, आहार और मनोवैज्ञानिक चिंताओं पर चर्चा की।

यह कार्यक्रम हेड़-एसबीयू अभिजीत सिंह;  किडनी और पैंक्रियास ट्रांसप्लांटेशन के डायरेक्टर डॉ मुकुट मिंज; नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एचजेएस गिल;नेफ्रोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमित शर्मा;सीनियर कंसल्टेंट व किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुनील कुमार; कंसल्टेंट किडनी ट्रांसप्लांट डॉ. साहिल रैली; रीनल साइंसेज और किडनी ट्रांसप्लांट के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. अन्ना गुप्ता; और अन्य डाक्टर्स की उपस्थिति में डायलिसिस रोगियों द्वारा औपचारिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू किया गया। डॉ. गिल ने डायलिसिस उपचार में नवीनतम प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की।

डॉ. अमित शर्मा ने दर्शकों को संबोधित किया और प्रतिभागियों के लिए एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की। किडनी के स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए डॉ. शर्मा ने कहा, “किडनी विकारों ने दुनिया भर में लोगों को प्रभावित किया है और कई परिवारों को तोड़ दिया है। वे रक्त को फिल्टर करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं। यदि किडनी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो विषाक्त पदार्थों का निर्माण होता है और किडनी की कार्यप्रणाली धीरे-धीरे कम होने लगती है। किडनी की समस्या हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। इस स्वास्थ्य स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
 
डॉ. शर्मा ने किडनी की बीमारी के प्रमुख संकेतकों के रूप में चेहरे और पैरों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ, थकान, भूख कम लगना, कम पेशाब आना, रंग बदलना, झाग आना, मतली, भ्रम, अनियमित दिल की धड़कन और एनीमिया (कम हीमोग्लोबिन) जैसे लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया। 

किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी पर प्रकाश डालते हुए सीनियर कंसल्टेंट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुनील कुमार ने कहा, “हमारे रीनल विभाग में हर महीने किडनी ट्रांसप्लांट के औसतन 4-5 मामले आते हैं। मरीज आमतौर पर 28-45 वर्ष की आयु के होते हैं। इन्हें अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates