Latest News

पूरी दुनिया को 'सूर्य नमस्कार'सिखाने वाला भारत अब वैश्विक स्तर पर सौर गठबंधनका उपयुक्त नेतृत्व करेगा: संयुक्त राष्ट्र के अनुभवी जानकार रामू दामोदरन

चंडीगढ़, 27 अक्टूबर 2021: यह कहना अनुचित नहीं होगा कि पूरी दुनिया को 'सूर्य नमस्कार'की कला सिखाने वाला देश भारत अब संयुक्त राष्ट्र के साथ सौर ऊर्जा पर वैश्विक पहल का नेतृत्व करेगा। भारत ने अब संयुक्त राष्ट्र के साथ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) शुरू किया है, जिससे दोनों देश सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए अपनी बौद्धिक और उद्यमशीलता क्षमताओं में वृद्धि कर सकें। इसके साथ तकनीकी और रचनात्मक समाधानों को मिलाकर द्विपक्षीय मंच भी बना सकें। यह कहना है संयुक्त राष्ट्र के वित्तीय तंत्र के एक अनुभवी जानकार, रामू दामोदरन का, जिन्होंने पिछले 25 वर्षों से संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न विभागों में काम किया है।
24 अक्टूबर को 76 वें संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर पर कोलकाता की सुप्रसिद्ध सामाजिक संस्था प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग एवं श्री सीमेंट के तत्वाधान में गैर-लाभकारी संगठन एजुकेशन फॉर ऑल ट्रस्ट ‘मुस्कान’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के ऑनलाइन सत्र में श्री रामू दामोदरन स्कूली छात्रों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। 

हर साल 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि यह 1945 में उस दिन का प्रतीक है जब संयुक्त राष्ट्र चार्टर लागू हुआ था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांत जिन्होंने पिछले 76 वर्षों से हमारा मार्गदर्शन किया है। इसी कारण संयुक्त राष्ट्र दिवस हमारे साझा एजेंडे को बढ़ाने और इसे हमेशा आगे ले जाने के लिए विभिन्न नये अवसर प्रदान करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उल्लेख करते हुए श्री दामोदरन ने युवा दर्शकों से कहा, भारत निश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बन जाएगा और यह आपके जीवनकाल में ही होगा, जिससे सुरक्षा परिषद और भी ज्यादा समृद्ध होगी।

श्री दामोदरन ने कुछ प्रमुख विचारों पर प्रकाश डाला जो अगले 25 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र को परिभाषित करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 के पहले स्वस्थ समाज, सभी का सतत विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग, अंतरिक्ष की नयी तकनीकियों की सुविधाओं का शांतिपूर्ण उपयोग, आपातकालीन प्लेटफार्मों के निर्माण आदि जैसे वैश्विक सार्वजनिक भलाई के क्षेत्रों में वैश्विक शासन की आवश्यकता होगी।

श्री दामोदरन ने छात्रों से नयी सोच एवं अत्याधुनिक तरीके से समाज में बदलाव लाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए नये विचारों और समाधानों के बारे में सोचकर संयुक्त राष्ट्र की चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, हमें अक्सर वैश्विक सोचने और स्थानीय रूप से कार्य करने के लिए कहा जाता है। कई मायनों में हम इसे बदल सकते हैं। यदि आप स्थानीय स्तर पर उन परिवर्तनों के बारे में सोचते हैं जो आप अपने परिवार, घरों, स्कूलों, समुदायों में ला सकते हैं, तो इन्हें वैश्विक स्तर पर लागू किया जा सकता है।

No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates