चंडीगढ़, 3 अक्टूबर, 2021: जाट धर्मशाला नांगलोई, दिल्ली में शनिवार को श्री यशपाल मलिक की अध्यक्षता में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसमें उन्होंने घोषणा की कि सभी प्रदेशों में जाट आरक्षण की मांग पूरी करवाने के लिए फिर से आंदोलन छेड़ा जायेगा। इस पर विरोध जताते हुए अशोक बलहारा, राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रभारी हरियाणा, ने अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति के सभी पदों से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी।
बलहारा ने कहा कि भविष्य में यशपाल मलिक से उनका कोई वास्ता नहीं रहेगा। जाट आरक्षण का मुद्दा किसान आंदोलन की सफलता के बाद उठाया जायेगा। आगे की रणनीति समाज से जुड़े राजनीतिज्ञों, सामाजिक संगठनों और खापों के साथ विचार विमर्श के बाद तय की जायेगी। उन्होंने जाट समाज से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित एजेंडे से सावधान रहें।
चंडीगढ़ में पत्रकारों से चर्चा करते हुए अशोक बलहारा ने कहा कि यशपाल मलिक ने जाट आरक्षण अभियान 2021 में चलाये जाने का फैसला लिया है। इससे आहत होकर मेरे मन में आया कि जो समाज के लोग कहते हैं कि विशेष अवसर पर जैसे चुनाव, आंदोलन के दौरान अपना एजेंडा भाजपा के मुताबिक शुरू करते हैं। अत: मैंने फैसला किया है कि किसान आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की बैठक में, हरियाणा से पहुंचे सभी पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार रखते हुए दोहराया कि हरियाणा में किसान आंदोलन पूरे जोरों पर है और संघर्ष समिति के सभी साथी पूरी शिद्दत से किसान आंदोलन में जुटे हैं। जब तक किसान आंदोलन को सफल नहीं बना लेते, तब तक किसी अन्य आंदोलन को शुरू नहीं किया जायेगा। इस पर दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ साथियों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात पर सहमति जतायी।
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