चण्डीगढ़ : केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने पिछले माह प्रस्तुत हुए 2020 -21बजट में 2बैंकों का निजीकरण करने की घोषणा की थी। इस निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स( यू एफ बी यू ) के बैनर तले 9 यूनियों ने 15 मार्च और 16 मार्च को हड़ताल का ऐलान किया था । इसी हड़ताल के चलते आज शहर बैंकों का कार्यकाज प्रभावित रहा और बैंक कर्मियों ने सेक्टर 17 बैंक स्क्वायर स्थित भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालय के सामने धरना देकर अपना रोष व्यक्त किया।
हड़ताल के दौरान संजीव बंदलिश ( एन सी बी ई), वासुदेव सिंगला (बी ओ एम्म आर ओ), राजीव रंजन चौबे (ऐन ओ बी ओ ), अनंत दत्ता (बी ओ एम्म ओ), सौरभ सैनी (बी ओ एम्म ओ), राघव पांडे, परमीत सहारन (एन ओ बी डबलयु )आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने बताया इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए और साथ ही सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी और अधिकारी भी इस हड़ताल प्रदर्शन का भाग बने। उन्होंने बताया की कि केंद्र सरकार दवारा लिया गया सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों का निजीकरण करने का निर्णय राष्ट्र हित में नहीं,बल्कि चंद पूंजीपतियों के हित में है और सभी बैंक संगठन इसका पुरज़ोर विरोध करते है।
गौरतलब है कि सरकार इससे पहले भी आडीबीआई बैंक में अपनी अधिकांश की हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम को बेच चुकी है। पिछले चार साल में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों का विलय किया जा चुका है।
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