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आशीष मित्तल फाउंडेशन ने एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स ऑफ इंडिया के साथ मिलकर विश्व महिला दिवस के अवसर पर आयोजित की वित्तीय साक्षरता एवं महिला सशक्तिकरण संगोष्ठी

ज़ीरकपुर, 9 मार्च, 2021:आशीष मित्तल फाउंडेशन (एएमएफ) ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (एएमएफआई) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में वित्तीय साक्षरता एवं महिला सशक्तिकरण संबंधी एक सेमिनार का आयोजन किया।

एएमएफ के संस्थापक आशीष मित्तल ने कहा, “कार्यक्रम में पंजाब, झारखंड, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ की 250 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। संगोष्ठी को एमएमएफआई द्वारा वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया था।”

पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्रो. इमैनुएल नाहर मुख्य अतिथि थे, जबकि एएमएफआई में वरिष्ठ सलाहकार सूर्यकांत शर्मा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। सम्मानित अतिथियों और वक्ताओं में प्रमुख थे- एनएसडीएल ई-गवर्नेंस लिमिटेड में प्रबंधक मोहिंदर सिंह, द पंजाब स्टेट कोऑपरेटिव बैंक, चंडीगढ़ की एजीएम श्रीमती प्रगति जग्गा, द रीड्स की सीईओ डॉ. रजनी लांबा, बीसी कनाडा में लेक्चरर और लेखन कोच अनमोल सारा संधू तथा वैश्विक शिक्षाविद् श्रीमती आराधना संधू।

प्राची सिंगला, सचिव, एएमएफ, ने फाउंडेशन के लक्ष्यों पर प्रकाश डाला और बताया कि यह युवाओं द्वारा संचालित एक धर्मार्थ ट्रस्ट है। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों के बारे में भी सभा को जानकारी दी।

प्रो. नाहर ने भारत के संविधान के तहत महिलाओं के अधिकारों पर प्रकाश डाला और उन्हें स्वतंत्र व आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित किया। सूर्यकांत शर्मा ने सभी महिलाओं के लिए एक व्यक्तिगत बैंक खाते का महत्व समझाया। उन्होंने सुकन्या योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और कहा कि यह खाता हर छोटी बच्ची के लिए अवश्य खोला जाना चाहिए ताकि भविष्य में उनके लिए उपयुक्त धन की व्यवस्था हो सके। उन्होंने समाज के ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के लिए इस तरह के कार्यक्रम शुरू करने में एएमएफ के प्रयासों की सराहना की।

मोहिंदर सिंह ने अटल पेंशन योजना की बात की। श्रीमती प्रगति जगह ने प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को बैंक खाते खोलने में मदद करने के लिए और प्रधान मंत्री बीमा योजना तथा प्रधानमंत्री सुकन्या योजना में सहकारी बैंकों की भूमिका को उजागर किया। उन्होंने वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर दिया।

डॉ. रजनी लांबा ने ग्रामीण महिला उद्यमियों की सफलता की कहानियां सुनायीं और कहा  कि महिलाएं अपने दैनिक घरेलू कामों के साथ-साथ व्यवसाय भी शुरू कर सकती हैं। उन्होंने संकेत दिया कि ग्रामीण महिलाओं के लिए सिलाई, कढ़ाई, क्रोशेट, स्वेटर बुनाई, और डिब्बाबंद भोजन आदि भी अच्छे रोजगार हो सकते हैं।

सुश्री अनमोल सारा संधू ने भारतीय महिलाओं की सफल कहानियों के साथ ही उनके संघर्ष के बारे में बताया। आराधना संधू ने एक प्रेरक भाषण दिया और एएमएफ के अध्यक्ष आशीष मित्तल ने सभी को धन्यवाद दिया। सभी 150 प्रतिभागियों को पोषण और स्वस्थ पर्यावरण के संकेत के रूप में उपहारस्वरूप पौधे दिये गये।  

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