Latest News

एफएचएम ने गंभीर रूप से बीमार हृदय रोगियों के लिए अपना नॉन-सर्जिकल वाल्व इम्प्लांट क्लिनिक की शुरुआत की

चंडीगढ़, 16 मार्च, 2021: फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के सुपर-स्पेशलिटी इन हार्ट सेंटर ने आज अपने नए नॉन-सर्जिकल इम्पलांट क्लिनिक को डॉ. आरके जसवाल (डायरेक्टर, कैथ लैब और एचओडी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली) के मार्गदर्शन में लॉन्च किया। इस सेंटर को एडवांस्ड हार्ट वाल्व रोग से प्रभावित मरीजों के सफल एवं बेहतर उपचार के लिए खोला गया है। पहले इन रोगियों के लिए केवल उपलब्ध विकल्प ओपन हार्ट सर्जरी और सर्जिकल एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (एसएवीआर) ही था।
डॉ.जसवाल ने बताया कि ‘‘गंभीर रूप से बीमार वाल्व-रोगग्रस्त रोगियों में से कई को सर्जरी के दौरान गंभीर जोखिम को देखते हुए कई बार सर्जनों द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था। इसलिए, उनके पास उपचार का कोई विकल्प नहीं बचा था।’’
हाल के वर्षों में, विकसित देशों में ऐसे रोगियों को नॉन-सर्जिकल वाल्व इम्पलांटेशन की पेशकश की गई है। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों में से सात में एओर्टिक वाल्व को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है, जिन्हें पिछले 3 वर्षों के दौरान रोगी के जीवन के जोखिम को देखते हुए उनके हित में कार्डियक सर्जनों द्वारा सर्जरी से मना कर दिया गया था।’’

उन्होंने आगे बताया कि हमने टीएवीआर के बाद 3 साल तक इन रोगियों के स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर नजर रखी और आज वे किसी जटिलता के एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, जबकि टीएवीआर के समय ये मरीज काफी गंभीर तौर पर बीमार थे।

इन रोगियों में कोई मृत्यु दर नहीं है। यह भी एक ज्ञात तथ्य है कि अगर कुछ भी नहीं किया गया तो इन रोगियों में मृत्यु दर बहुत अधिक थी और जीवन की गुणवत्ता बहुत कम थी। उन्होंने एक रोगी का उदाहरण दिया, जो कुछ साल पहले सीएबीजी से गुजरा था और अब गंभीर रूप से ब्लॉक्ड एओर्टिक वाल्व की बीमारी के साथ वापस मुश्किम में आ गया था। उसके एर्ओटा के साथ-साथ पेरीफेरियल धमनियां भी बुरी तरह से रोगग्रस्त हो गई थीं, जिससे उसके लिए पारंपरिक टीएवीआर करना मुश्किल हो गया, जिसके लिए सामान्य रूप से स्वस्थ एर्ओटा और पेरीफेरियल धमनियों की आवश्यकता होती है।

इस रोगी में, वाल्व प्रत्यारोपण के लिए बाएं ऊपरी अंग धमनी से एक बेहद दुर्लभ एप्रोच का उपयोग किया गया था।

डॉ. जसवाल ने कहा कि ‘‘यह उन रोगियों के लिए एक बढिय़ा विकल्प है जिनको एडवांस्ड वाल्ड हार्ट रोग है और जीवन के लिए बहुत उच्च जोखिम है तो उनको सर्जिकल एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (एसएवीआर) को सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में टीएवीआर को छोडक़र, मेडिकल प्रोफेशन के पास उनकी समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है। इस तकनीक के साथ, यहां तक कि जोखिमपूर्ण रोगी भी, अब ओपन हार्ट सर्जरी के बिना एक सामान्य अच्छी गुणवत्ता वाले जीवन का आनंद ले सकते हैं।’’








No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates