ज़ीरकपुर 12 मार्च, 2021आशीष मित्तल फाउंडेशन ने सनौली चर्च में सिलाई कार्यशाला शुरू की , ग्रामीण क्षेत्रों की वंचित महिलाओं को सिलाई कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सिलाई केंद्र का उद्घाटन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम TIGR2ESS परियोजना पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के सहयोग से है। पहले बैच के लिए 25 महिला प्रतिभागियों ने नामांकन किया।भाई अभिषेक मित्तल ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आशीष मित्तल फाउंडेशन पूरा समर्थन प्रदान करेगा और प्रतिभागियों को आत्म निर्भर बनाने तक हैंडहोल्डिंग करेगा। डॉ। मोनिका अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, UIAMS, पंजाब विश्वविद्यालय ने अपने स्वागत भाषण में स्थायी जीवनयापन के लिए कौशल प्रशिक्षण और उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डाला। सुश्री हरप्रीत कौर, जूनियर रिसर्च फेलो, PU-TIGR2ESS ने प्रशिक्षण प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और प्रशिक्षण कार्यशाला का संक्षिप्त प्रदर्शन किया।
पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट डॉ। राधा कंवल शर्मा ने कहा कि परियोजना की अवधि 6 महीने की होगी जिसमें उद्यमिता हस्तक्षेप के साथ क्षमता निर्माण कार्यशालाएं होंगी। डॉ। प्रभदीप बराड़, यूआईएफटी और वीडी, पंजाब विश्वविद्यालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रचनात्मकता कैसे अभिनव उत्पादों को जन्म दे सकती है जो कि पूरी तरह से बेकार कपड़ों से भी हैं। इसके अलावा उसने कहा कि कार्यशाला का ध्यान ऐसे कपड़ों से उत्पाद बनाने पर होगा।
आशीष मित्तल फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री आशीष मित्तल ने कहा कि फाउंडेशन का उद्देश्य कौशल आधारित शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करके वंचित महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है। डॉ। रीटा कांत ने परियोजना को आगे बढ़ाने और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए आशीष मित्तल फाउंडेशन के प्रयासों के लिए धन्यवाद प्रस्ताव की सराहना की।
पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट डॉ। राधा कंवल शर्मा ने कहा कि परियोजना की अवधि 6 महीने की होगी जिसमें उद्यमिता हस्तक्षेप के साथ क्षमता निर्माण कार्यशालाएं होंगी। डॉ। प्रभदीप बराड़, यूआईएफटी और वीडी, पंजाब विश्वविद्यालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रचनात्मकता कैसे अभिनव उत्पादों को जन्म दे सकती है जो कि पूरी तरह से बेकार कपड़ों से भी हैं। इसके अलावा उसने कहा कि कार्यशाला का ध्यान ऐसे कपड़ों से उत्पाद बनाने पर होगा।
आशीष मित्तल फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री आशीष मित्तल ने कहा कि फाउंडेशन का उद्देश्य कौशल आधारित शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करके वंचित महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति का उत्थान करना है। डॉ। रीटा कांत ने परियोजना को आगे बढ़ाने और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए आशीष मित्तल फाउंडेशन के प्रयासों के लिए धन्यवाद प्रस्ताव की सराहना की।
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