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कैंसर की समय पर जांच जरूरी :कमल कुमार गर्गकैंसर पेशेंट के लिए ‘आयुषी कार्ड’ लॉन्च किया

मोहाली, 5 अक्टूबर : ‘ कैंसर की समय पर जांच व मेडिकल ट्रीटमेंट का सख्ती से पालन करके इसे जड़ से खत्म किया जा सकता है। जीवन शैली में बदलाव भी जरूरी है क्योंकि हमारी जीवन शैली की कई खामियां कैंसर का कारण बनती हैं।’कमल कुमार गर्ग, कमिश्नर नगर निगम मोहाली ने मंगलवार को आईवी अस्पताल, ,मोहाली में कैंसर पेशेंट कार्यक्रम के तहत ‘आयुषी कार्ड’ लांच करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस कार्ड से मरीजों को समय पर जांच कराने और बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी । कार्ड निश्चित रूप से रोगियों को आगे आने और इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित करेगा।
इस अवसर पर बलजिन्दर सिंह ज्वाइंट कमिश्नर , डॉ रविप्रीत सिंह, सीओओ-आइवी हेल्थकेयर व आईवी के ऑन्कोलॉजी विभाग से डॉ जतिन सरीन, डॉ विजय बंसल व डॉ मीनाक्षी भी उपस्थित थे।
मीडिया से बात करते हुए डॉ रविप्रीत सिंह ने कहा कि 2 साल की वैधता वाले आयुषी कार्ड सभी कैंसर रोगियों के लिए है। इस कार्ड के माध्यम से रोगी सभी कंसल्टेशन पर 20 प्रतिशत की छूट प्राप्त कर सकते है। रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी पर 15 प्रतिशत और एडमिशन पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्डधारकों को मोहाली और चंडीगढ़ से नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध रहेगी।
आईवी अस्पताल में हेड -ओन्को सर्जरी डॉ विजय बंसल ने कहा कि ब्रैस्ट (स्तन) कैंसर विश्व स्तर पर और भारत में महिलाओं में सबसे आम कैंसर है। दुनिया भर में और हमारे देश में कैंसर से पीडि़त चार में से एक महिला को ब्रैस्ट कैंसर का पता चलता है। भारत में सालाना लगभग 10,00,000 महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान किया जाता है और हर साल लगभग 5,00,000 महिलाएं इस बीमारी से अपनी जिंदगी गवां देती हैं ।
डॉ जतिन सरीन, डायरेक्टर -ऑन्कोलॉजी ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में ब्रेस्ट कैंसर की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) में ज्यादा ।
उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ में 2010 और 2020 के बीच ब्रैस्ट कैंसर की घटनाओं में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और ब्रेस्ट कैंसर भारत में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है।
विकासशील और कम विकसित देशों में ब्रेस्ट कैंसर का अक्सर लेट स्टेज में पता लगाया जाता है, और इसके परिणामस्वरूप आधी से अधिक वैश्विक मौतें  इन देशों में ब्रेस्ट कैंसर से होती हैं, उन्होंने बताया।
ब्रेस्ट कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए मैमोग्राफी स्टैंडर्ड जांच तकनीक है जिसका व्यापक रूप से पश्चिमी दुनिया में उपयोग किया जाता है। हालांकि सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन, ब्रैस्ट कैंसर से मृत्यु दर को कम करने में प्रभावी पाया गया है।
ब्रैस्ट कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी के उपयोग के लिए महंगी मशीनरी, उच्च प्रशिक्षित रेडियोलॉजिस्ट और रेडियोग्राफर और उच्च स्तर की गुणवत्ता नियंत्रण की आवश्यकता होती है। भारत में एक डिजिटल मैमोग्राफी मशीन की कीमत लगभग 3 करोड़, और प्रत्येक परीक्षा की लागत लगभग 2000 है। स्पष्ट रूप से भारत अपनी सभी महिलाओं के लिए मैमोग्राफी द्वारा बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग का खर्च नहीं उठा सकता, डॉ विजय ने कहा।

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