Latest News

जटिल व दोबारा विकसित होते हर्निया का सफल इलाज अब पारस अस्पताल में

पंचकूला, 25 मार्च ( ): पारस अस्पताल पंचकूला के जीआई सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डा. गौरव महेश्वरी ने कहा कि हर्निया एक आम बीमार है, जिसका इलाज जनरल सर्जनों तथा जी.आई. सर्जनों द्वारा किया जाता है। यहां पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए डा. गौरव महेश्वरी ने कहा कि पर महत्वपूर्ण बात यह है कि 20-30 प्रतिशत केसों में हर्निया दोबारा हो जाता है: जिसको रोकने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अब समय की तबदीली के साथ हर्निया के इलाज में भी बदलाव आया है। स्टील वॉयर टेक्नोलॉजी से लेकर लैप्रोस्कोपी (दूरबीन) द्वारा इलाज तक काफी कुछ बदल गया है।
डा. गौरव महेश्वरी तथा लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के कंस्लटेंट डा. राजिन्द्र कुमार बत्तरा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि पारस अस्पताल पंचकूला द्वारा अप्रैल के आखिरी सप्ताह ‘हर्निया सप्ताह’ मनाया जा रहा है, जिसका मकसद आम लोगों को इस बीमारी के बारे जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीकों के साथ किए आप्रेशन के बाद हर्निया के दोबारा विकसित होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि 35 प्रतिशत पुरुषों तथा 2 प्रतिशत महिलाओं में इंगूऐनल हर्निया होता है, जो कि आम हर्निया के रूप में जाना जाता है।
काबिले-ए-गौर है कि पारस अस्पताल पंचकूला के पास हर्निया के आप्रेशन के लिए सभी तकनीकें हैं। उन्होंने बताया कि जटिल तथा दोबारा विकसित हुए हर्निया के इलाज के लिए अस्पताल के डाक्टरों की टीम द्वारा सफलत इलाज किया जाता है।

इस अवसर पर डा. राजिन्द्र कुमार बत्तरा द्वारा रेट्रो रैक्टस एबडेसिनल वॉल रिकंस्ट्रक्शन (पी.आर.ए.डब्लयू.आर) के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मामूली  बीमारी की हालत में पेट के तंतुओं को ठीक किया जाता है।


No comments:

Post a Comment

buzzingchandigarh Designed by Templateism.com Copyright © 2014

Theme images by Bim. Powered by Blogger.
Published By Gooyaabi Templates