Chandigarh:नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी डिप्टी मेयर तरूणा मेहता एवं पार्षद प्रेमलता ने संयुक्त रूप से में 24 x 7 पानी सप्लाई करने का विरोध करते हुए इसे मंहगाई से ग्रस्त जनता पर एक ओर बोझ की संज्ञा देते हुए कहा कि जिस प्रोजेक्ट की चंडीगढ़ विजिलेंस विभाग जांच कर रहा है, उसे शहरवासियों पर क्यों लागु किया जा रहा है।
तीनों पार्षद ने बोला की जो चंडीगढ़ में 24 * 7 पानी का प्रोजेक्ट पास किया था वह बिल्कुल फेल हो गया है क्योंकि यह प्रोजेक्ट मनी माजरा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत की गई थी और उसका उद्घाटन केन्द्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह द्वारा किया गया था। मगर मनी माजरा के लोगों को आज तक 24 घंटे पानी मिलना तो दूर साफ पीने का पानी भी नहीं मिला । इसी कारण नगर निगम में कई बार पार्षदों द्वारा दुषित पानी की बोतलें लहराई गई। मनी माजरा में इस प्रोजेक्ट के चलते लोगों को गलियां सड़क टूटी मिली।
पार्षद प्रेमलता ने बताया कि नेताओं ने जो लोगों से वादा किया था 24 * 7 पानी मिलेगा वह तो मिला नहीं मगर लोगों को गंदा पानी जरूर मिला। वह भी कीड़े मकोड़ों के साथ। जबकि वादा आरो वाटर का किया गया था।
वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर सिंह बंटी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट 60 मिलियन यूरो का प्रोजेक्ट है । जिसमें 48 मिलियन यूरो चंडीगढ नगर निगम ने ऋण लिया है। जबकि 11 मिलियन यूरो ग्रांट मिली है । और यह लोन 15 साल में वापस करना है । जिसपर 1.56 प्रतिशत ब्याज फिक्स है, जबकि इसके अतिरिक्त jurybore प्याज भी देना है। जब चंडीगढ़ नगर निगम ने ऋण लिया तो euro का rate 80 रुपए था और आज 109 रुपए है आगे और बढ़ने की संभावना है।
बंटी ने कहा कि जब मनी माजरा में प्रोजेक्ट शुरू किया गया तो स्मार्ट सिटी से 60 करोड़ रुपए और नगर निगम से 20 रुपए लगाए गए । मगर पता नहीं चल रहा वह पैसा लगा कहां है जो लोगों को सुविधा मिलनी थी वह तो बिल्कुल नहीं मिली । उसके साथ ही शहरवासियों पर हर साल 5% पानी की दरों में वृद्धि के साथ पानी के बिल पहले ही दिए जा रहे हैं ।
उपमहापौर तरुण मेहता ने बताया कि जब लोग चाहते ही नहीं कि चंडीगढ़ में 24 घंटे पानी मिले । फिर मंहगाई की मार से पहले ही त्रासदी की मार झेल रहे चंडीगढ़ वासियों पर पानी के नाम पर अतिरिक्त टैक्स क्यों लगाया जा रहा है। दूसरा यह फेल प्रोजेक्ट सिर्फ मनी माजरा में लागु किया गया परन्तु इस का बोझ चंडीगढ़ वासी पिछले कई वर्षों से ढोह रहे हैं। क्यों कि चंडीगढ़ में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति पिछले कई वर्षों से लगातार इस प्रोजेक्ट के तहत 5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर की वृद्धि दर से पैसे दे रहे हैं।
प्रोजेक्ट शहर के लिए लेकर आया जा रहा है अगर यह प्रोजेक्ट लेकर आया गया तो सारा शहर खड्डो से भर जाएगा और लोगों को आए दिन आफत परेशानी का सामना करना पड़ेगा । इसके साथ ही यह प्रोजेक्ट मनीमाजरा में फेल हो चुका है अगर शहर में यह प्रोजेक्ट चलाया गया तो शहर को बहुत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ेगा। इन्होंने बताया कि हमने इसके खिलाफ नगर निगम की 353बी हाउस मीटिंग में टेबल एजेंडा लेकर आए थे मगर मेयर ने यह टेबल एजेंडा रिजेक्ट कर दिया और बोला कि हम तो यह प्रोजेक्ट जरुर लगाएंगे और जनता पर बोझ जरूर डालेंगे ।
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