चंडीगढ़ 29 जनवरी 2023: सरस्वती पूजा व बसंत पंचमी के अवसर पर स्वर सप्तक सोसायटी, चंडीगढ़ व कलकत्ता द्वारा सोसायटी की अध्यक्ष व शास्त्रीय संगीत गायिका व संगीत शिक्षिका विदुषी डॉ संगीता लाहा चौधरी के नेतृत्व में वर्चुअल संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संगीत के विद्यार्थियों ने अपना अपना मधुर गायन प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेवी व साहित्यकार व कवि हरेन्द्र सिन्हा ने शिरकत की इस आयोजन में डॉ संगीता लाहा चौधरी के देश विदेश में रह रहे विद्यार्थियों ने भाग लिया, इस दौरान विद्यार्थियों के परिजन भी मौजूद थे।
संगीत कार्यक्रम की शुरुआत नन्हें विद्यार्थी ऋषिथ भारद्वाज ने- राग यमन में निबद्ध रचना भज मन नित तुम से श्रोताओं के समक्ष बखूबी प्रस्तुत की। जिसके बाद यूएसए में रही काव्य रॉय ने अपने गायन में सरस्वती वंदना, हे सरस्वती मां तुझे नमन प्रस्तुत किया। जबकि न्यूजीलैंड से रिहाना कौशल ने अपने गायन की कला का प्रदर्शन राग अलहैया विलावल में निबद्ध कवन बतरिया राग में सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं यूएसए से आहना रॉय कोलकाता से बालक मुंशी, जमशेदपुर से मनीषा घोष, चंडीगढ़ से सुमन चड्ढा व सुनीता कौशल ने मां सरस्वती का गुणगान अपनी मधुर आवाज के साथ गाकर किया। जबकि दिल्ली से अंजलि सूरी ने राग वसंत में ऐसो वसंत.., चंडीगढ़ से ममता गोयल ने राग भूपाली में नमन कर चतुर.., कोलकाता से तृप्ति गुप्ता ने राग भूपाली में अपना गायन प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ संगीता लाहा चौधरी ने मां सरस्वती वंदना करुणामयी वरदायिनी प्रार्थना के साथ की जिसके उपरांत उन्होंने बंसत पंचमी के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेवी व साहित्यकार व कवि हरेन्द्र सिन्हा व डॉ संगीता लाहा चौधरी ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने विद्यार्थियों के गायन प्रस्तुति की खूब प्रशंसा की और सभी को वर्चुअल तौर पर सम्मानित किया।
इस अवसर पर साहित्यकार व कवि हरेन्द्र सिन्हा ने कहा कि बसंत पंचमी को संगीत के साथ जोड़ने का यह कार्यक्रम अद्भुत है। सभी ने बहुत ही तैयारी के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर संगीत कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिये है। सभी विद्यार्थियों को संगीत की बारिकियों का बहुत ज्ञान है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि भविष्य में भी इस तरह के वह कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। इस अवसर पर डॉ संगीता लाहा चौधरी ने मुख्य अतिथि का कार्यक्रम में शामिल होने पर आभार जताया और बताया कि स्वर सप्तक सोसाइटी की स्थापना 1987 में उनके पिता स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी द्वारा की गई थी। स्वर्गीय श्री निर्मलेंदु चौधरी मुखर शास्त्रीय संगीत में उस्ताद थे और स्वर सप्तक सोसाइटी के अध्यक्ष भी थे, जबकि उनकी माता स्वर्गीय श्रीमती मंजू चौधरी प्रसिद्ध गायक स्वर्गीय हेमंत मुखर्जी के छात्रा रही हैं। उन्होंने बताया कि संगीत के इस प्रकार के कार्यक्रम कई वर्षो से वह करवाती आई है। ऐसे कार्यक्रम का आयोजन संगीत के विद्यार्थियों को एक बेहतरीन मंच प्रदान करवाना है।
कार्यक्रम का संचालन शास्त्रीय गायिका अंजलि सूरी ने किया।
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