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प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा :आचार्या सुभाष शास्त्री

Chandigarh:सनातन धर्म विकास मंच चंडीगढ़ द्वारा नवरात्रि एवं दशहरे के पावन पर्व के उपलक्ष्य में श्री राम  कथा कथा व्यास श्री सुभाष शास्त्री द्वारा 3 अक्टूबर तक दोपहर 3:30 बजे से शाम 7 बजे तक और 4 अक्टूबर सुबह 8 बजे हवन 10 बजे 1 बजे तक कथा और दोपहर 1 बजे भंडारा केन्द्रीय विहार सोसायटी के सामने, सेक्टर 48-बी, चण्डीगढ़  होगा श्री राम कथा अपनी मधुर वाणी से आज कथा में कथावाचक आचार्या सुभाष शास्त्री जी महाराज ने भगवान 
श्री राम कथा के दौरान महाराज जी ने  केवट प्रसंग का अत्यंत मार्मिक वर्णन किया। कथा व्यास ने बताया कि प्रबल प्रेम के पाले पड़कर प्रभु को नियम बदलते देखा। भगवान केवट के समीप आए। गंगाजी का किनारा भक्ति का घाट है और केवट भगवान का परम भक्त है, किंतु वह अपनी भक्ति का प्रदर्शन नहीं करना चाहता था। अत: वह भगवान से अटपटी वाणी का प्रयोग करता है। केवट ने हठ किया कि आप अपने चरण धुलवाने के लिए मुझे आदेश दे दीजिए, तो मैं आपको पार कर दूंगा केवट ने भगवान से धन-दौलत, पद ऐश्वर्य, कोठी-खजाना नहीं मांगा। उसने भगवान से उनके चरणों का प्रक्षालन मांगा। केवट की नाव से गंगा पार करके भगवान ने केवट को उतराई देने का विचार किया। सीता जी ने अर्धागिनी स्वरूप को सार्थक करते हुए भगवान की मन की बात समझकर अपनी कर-मुद्रिका उतारकर उन्हें दे दी। भगवान ने उसे केवट को देने का प्रयास किया, किंतु केवट ने उसे न लेते हुए भगवान के चरणों को पकड़ लिया। जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है, ऐसे भगवान के श्रीचरणों की सेवा से केवट धन्य हो गया। भगवान ने उसके निस्वार्थ प्रेम को देखकर उसे दिव्य भक्ति का वरदान दिया तथा उसकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण किया।
कथा के अवसर पर सनातन धर्म विकास मंच के संरक्षक वार्ड 35 के पार्षद राजिंदर शर्मा और सनातन धर्म विकास मंच के आयोजक सदस्य  सहित वार्ड 35 के निवासियों ने कथा में उपस्थिति दी कथा  उपरांत  आरती कर प्रसाद वितरित किया गया्

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