पटियाला, 3 जून, 2022: फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली में ऑर्थोपेडिक्स टीम ने हाल ही में मध्यम दूरी की धावक हरमिलन बैंस का हाल ही में घुटने की चोट के लिए कीहोल आर्थोस्कोपी सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया है। हरमिलन बैंस ने पिछले साल तेलंगाना के वारंगल में 60वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 1500 मीटर स्पर्धा में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था और उसके बाद से घुटने की चोट से परेशान है। नेशनल रिकॉर्ड विजेता एथलीट के दाहिने घुटने में असहनीय दर्द, सूजन और सूजन थी, जिसने उन्हें एशियाई खेलों 2022 के लिए क्वालीफाई करने से रोक दिया। डॉ. मानित अरोड़ा के नेतृत्व में डॉक्टरों की अत्यधिक कुशल टीम ने 10 मई, 2022 को मध्य दूरी के धावक पर कीहोल आर्थोस्कोपी सर्जरी की।
रोगी हरमिलन बैंस ने डॉ. मानित अरोड़ा, कंसल्टेंट, आर्थोपेडिक्स और स्पोर्ट्स मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली से संपर्क किया, जहां बाद की जांच में मेडियल प्लाका (घुटने में वेस्टिजियल टिश्यू) के साथ घुटने में फैट पैड का पता चला। स्वास्थ्य की स्थिति आमतौर पर तनाव के कारण खराब होती है या दौड़ते या अधिक व्यायाम करते समय घुटने का अधिक उपयोग करना भी स्थिति को खराब करता है।
डॉ. अरोड़ा ने कीहोल आर्थोस्कोपी सर्जरी की, जिसमें घुटने के जोड़ को छोटे-छोटे कटों के साथ न्यूनतम इनवेसिव तरीके से स्कोप के साथ संचालित किया जाता है। प्रोसीजर लगभग 20 मिनट तक चली और रोगी हरमिलन बैंस उसी दिन बैसाखी के साथ चलने में सक्षम हो गए। उसके तुरंत बाद उसे छुट्टी दे दी गई। दो सप्ताह के बाद, रोगी हरमिलन बैंस ने अंतत: बैसाखी से छुटकारा पा लिया और फिजियोथेरेपी के साथ अपना प्रशिक्षण अभ्यास फिर से शुरू कर दिया।
कीहोल आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी के लाभों पर चर्चा करते हुए, डॉ.अरोड़ा ने कहा कि ‘‘सर्जरी से मरीज जल्दी रिकवरी प्राप्त कर ठीक हो जाता है और एथलीटों को खेल में तेजी से लौटने में मदद मिलती है। यह प्रक्रिया मरीजों को सर्जरी के अगले दिन चलने में सक्षम बनाती है।’’
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