चंडीगढ़ 23 दिसंबर 2021 अकादमिक में उत्कृष्टता के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा शिप्रा दुरेजा को डीएएडी पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सर्विस ( डीएएडी) द्वारा प्रदान किया गया। विदेशी छात्रों के लिए जर्मनी के मैगडेबर्ग यूनिवर्सिटी द्वारा हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है। वर्ष 1997 के बाद से मैगडेबर्ग यूनिवर्सिटी द्वारा यह पुरस्कार विशेष शैक्षणिक उपलब्धियों और असाधारण स्वयंसेवी कार्यों के लिए दिया जाता है।
शिप्रा दुरेजा ने चितकारा यूनिवर्सिटी से सन 2016 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की। कैंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी लेने के बाद वे तीन सालों तक सीनियर डवलपमेंट इंजीनियर के तौर पर काम करती रहीं।
इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में मैगडेबर्ग यूनिवर्सिटी से डाटा एंड नॉलेज इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने सितंबर 2021 में सिर्फ पांच सेमेस्टरों के जरिए बहुत ही अच्छे नंबरों से और बहुत तेजी से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। अकेडमिक क्लब ऑफ फैकल्टी और कंप्यूटर साइंस की मैनेजमेंट टीम की उन्होंने न सिर्फ अगुवाई की बल्कि उन्हें स्टूडेंट लीडर आफ द ईयर भी चुना गया।
प्रोजेक्ट बनाने में भी वे पूरी तरह से सक्रिय रहीं और इंटरनेशनल मास्टर्स स्टूडेंट्स के लिए उन्होंने कई तरह से मदद की।
अपनी मातृ संस्था यूनिवर्सिटी के लिए कृतज्ञता जताते हुए दुरेजा ने कहा कि "मैं अपनी सफलता का श्रेय चितकारा यूनिवर्सिटी की मजबूत एकेडमिक मेंटरशिप को देती हूं जहां पर विश्व स्तर पर प्रासंगिक पाठ्यक्रम और उघमिता की भावना है। ये चीजें किसी भी छात्र की अकादमिक व रिसर्च की यात्रा में बहुत ही प्रभाव डालती हैं। इसके साथ ही यह तेजी से बदलती हुई दुनिया में भी बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।
दुरेजा को बधाई देते हुए चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने कहा, "शिप्रा एक प्रतिबद्ध और जिज्ञासु युवती है और चितकारा में अपने चार साल की पढाई के दौरान वह बहुत ही उत्कृष्ट विद्यार्थी थी। अपनी उत्कृष्ट उपलब्धियों के साथ अपने सामाजिक व अंतर-सांस्कृतिक प्रतिबद्धताओं के लिए, उसने एक भारतीय व अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए महत्वपूर्ण रोल मॉडल के रूप में कार्य किया। आज में इस बात को लेकर रोमांचित हूं कि उन्हें उनकी उपलब्धियों व उनके स्वयंसेवी कार्यों के लिए शानदार डीएएडी अवार्ड हासिल हुआ है जिसने चितकारा के साथ भारत को भी गौरवान्वित किया है।
No comments:
Post a Comment