रोपड़, 13 अगस्त, 2025: फोर्टिस अस्पताल मोहाली के कार्डियोलॉजी विभाग ने हृदय गति रुकने की गंभीर समस्या से जूझ रही 71 वर्षीय महिला का सफल इलाज एलओटी-सीआरटीडी (लेफ्ट बंडल ब्रांच-ऑप्टिमाइज़्ड कार्डियक रीसिंक्रोनाइज़ेशन थेरेपी) के ज़रिए किया। इस जीवनरक्षक तकनीक ने मरीज को नई उम्मीद और जीवन दिया।
एलओटी-सीआरटीडी एक खास दिल का इलाज है जो पेसमेकर की तरह काम करता है। इसमें दिल के बाएँ और दाएँ हिस्से को हल्का-सा बिजली/विद्युत संकेत का संकेत भेजा जाता है, ताकि दोनों एक साथ धड़क सकें। यह तरीका तब ज्यादा असरदार होता है, जब सामान्य पेसमेकर वाला इलाज ठीक से काम न करे, और इससे अचानक मौत का खतरा भी कम हो जाता है।
रोपड़ निवासी बुजुर्ग महिला सांस फूलने, थकान और पैरों में सूजन की समस्या लेकर फोर्टिस मोहाली पहुंचीं। जांच में हार्ट फेल्योर और हृदय की पंपिंग क्षमता बेहद कम पाई गई। दवा और सामान्य उपचार के बाद भी सुधार न होने पर वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर आहूजा ने एलओटी-सीआरटीडी प्रक्रिया करने का निर्णय लिया। चूंकि मरीज पारंपरिक सीआरटी के लिए उपयुक्त नहीं थी, इसलिए यह उन्नत तकनीक अपनाई गई।
डॉ. आहूजा का कहना है कि हृदय गति रुकना एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर को पर्याप्त रक्त, ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। एलओटी-सीआरटीडी के बाद मरीज का हृदय कार्य सामान्य स्तर पर लौट आया। यह उन मरीजों के लिए वरदान है जो पारंपरिक उपचार से लाभ नहीं पा सके।
फोर्टिस मोहाली का यह सफल केस न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि हार्ट फेल्योर के उन्नत उपचार में नई संभावनाओं के द्वार खोलता है। 71 वर्षीय महिला को हार्ट फेलियर से मिली नई जिंदगी, फोर्टिस मोहाली में सफल एलओटी-सीआरटीडी थेरेपी/तकनीक पेसमेकर की तरह काम कर हृदय की पंपिंग को सुधारती है, अचानक मृत्यु के खतरे को कम करती है।
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