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पीयू के मानवविज्ञान विभाग ने बॉयज हॉस्टल नंबर 5 के साथ मिलकर करगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई

चण्डीगढ़ : पंजाब विश्वविद्यालय के मानवविज्ञान विभाग ने बॉयज हॉस्टल नंबर 5 के साथ मिलकर आज करगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए एक भव्य आयोजन किया। यह कार्यक्रम अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही और सैकड़ों छात्र-छात्राएं और स्टाफ इस अवसर को यादगार बनाने के लिए उपस्थित रहे।ईश्वर सिंह दुहान, इंस्पेक्टर जनरल (सेवानिवृत्त), आईटीबीपी, मुख्य अतिथि और प्रमुख वक्ता के रूप में समारोह में उपस्थित थे। उनके शानदार करियर और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके गहन दृष्टिकोण ने करगिल विजय दिवस के महत्व पर गहरा दृष्टिकोण प्रदान किया। सभा को उनका संबोधन प्रेरणादायक और चिंतनशील था, जिसमें सैनिकों की बहादुरी और करगिल विजय की रणनीतिक महत्वता को उजागर किया गया।

पंजाब विश्वविद्यालय के कुलसचिव वाईपी वर्मा इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनकी प्रोत्साहन भरी बातें और सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदानों की स्वीकृति ने दर्शकों के दिलों को छू लिया और हमारे नायकों को याद रखने और सम्मानित करने के महत्व को और भी अधिक स्पष्ट किया।

इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति ने, जिनमें प्रो. अमित चौहान, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू ), प्रो. सिमरित काहलों, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (महिला), प्रो. नरेश कुमार, एडिशनल डीएसडब्ल्यू (एडीएसडब्ल्यू), और विधि विभाग से प्रो. दिनेश कुमार शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को प्रकट किया जो छात्रों और संकाय में देशभक्ति और सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान की भावना को प्रोत्साहित करने की दिशा में है। डॉ. जे. एस. सहारावत, अध्यक्ष, मानवविज्ञान विभाग एवं वार्डन बीएच-5 ने 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के तहत गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और उन्हें पौधा भेंट किया। डॉ. सहारावत ने इस कार्यक्रम की योजना और क्रियान्वयन को बखूबी संभाला, जिसकी सराहना सभी उपस्थित लोगों ने की।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अमर जवान ज्योति की प्रतिकात्मक प्रतिमा पर करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई, जिसमें भारतीय सेना की वीरता और रणनीतिक जीत को उजागर किया गया। प्रो. अमित चौहान और प्रो. दिनेश कुमार ने भी अपने विचार साझा किए, करगिल विजय दिवस के उत्सव की भावना को आत्मसात करने और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किए गए बलिदानों को याद रखने के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का समापन अरुण शर्मा, कार्यालय प्रभारी, बी एच-5 द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों, विशेष रूप से मानवविज्ञान विभाग और बॉयज हॉस्टल नंबर 5 के छात्रों और स्टाफ का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और समर्पण की गहन याद दिलाई और वहां उपस्थित सभी को बहादुरी और देशभक्ति के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि को समारोह की स्मृति के रूप में एक स्मृति चिन्ह प्रो. दिनेश कुमार और डॉ. जे. एस. सहारावत द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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