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इम्मीग्रेशन फ्रॉड के आरोपी दम्पति के प्रभाव के आगे चण्डीगढ़ की स्मार्ट पुलिस भी असहाय

चण्डीगढ़ : करोड़ों के इम्मीग्रेशन फ्रॉड के चर्चित आरोपी दम्पति देवेंदर गिल उर्फ़ देवेंदर थापा व क्रिस्पी खेरा पर चण्डीगढ़ के सेक्टर 17, 36 व 39 थानों में कुल पांच मामले दर्ज हैं जिस पर करवाई करते हुए चण्डीगढ़ पुलिस ने  बीते वर्ष सितम्बर में देवेंदर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी। बाद में पंजाब पुलिस देवेंदर को प्रोडक्शन वारंट पर ले गई परन्तु उसके बाद आज तक उसे ना तो कोर्ट में पेश किया जा रहा है और ना ही चण्डीगढ़ समेत सात राज्यों के पुलिस को इन्हे सौंपा जा रहा है जहां इसके खिलाफ मामले दर्ज हैं। कहने को  देवेंदर रोपड़ जेल में बंद है परन्तु जेल अधिकारियों की मदद से पिछले 92 दिनों से रोपड़ सिविल अस्पताल में फीजियोथेरैपी के नाम पर कथित तौर पर वीवीआईपी सुविधाओं का आनंद ले रहा है। आज पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट वरिंदर सिंह ने चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता में ये आरोप लगाते हुए बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी से इसका खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस ठग दम्पति ने चण्डीगढ़ समेत सात राज्यों के 700 बच्चों से करोड़ों रुपए ऐंठ रखे हैं, जिनमें से 250 बच्चों को न्याय दिलाने के लिए वे इस केस से जुड़ें हैं।
वरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें यह प्रेस कांफ्रेंस इसलिए करनी पड़ी है क्योंकि एक वीडियो के जरिए क्रिस्पी खैरा कह रही थी कि वह उनके खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान वरिंदर सिंह ने दस्तावेज पेश करते हुए दंपति पर लगाए आरोपों को सच्चा बताया।
क्रिस्पी खेरा ने को भी इस वर्ष मार्च माह में चण्डीगढ़ पुलिस सूचना मिलने पर मोहाली पकड़ने पहुँच गई थी परन्तु उसकी कार के चालक ने पुलिस मुलाजिमों पर गाड़ी चढ़ा दी थी व उसके बाद से पीओ घोषित है।
वरिंदर सिंह के मुताबिक देवेंदर व क्रिस्पी पिछले 10 साल में सात कंपनियां बना कर फ्रॉड पर फ्रॉड किये जा रहें हैं ओर इनके खिलाफ चण्डीगढ़ समेत सात राज्यों की पुलिस में कई मल्टीपल एफआईआर दर्ज हैं परन्तु पंजाब पुलिस के असहयोगी रवैये के चलते प्रोडक्शन वारंट भी तामील नहीं हो पा रहे। यहां तक कि पंजाब पुलिस को कोर्ट का भी कोई खौफ नहीं है क्योंकि उसे कोर्ट में भी पेश नहीं किया जा रहा। बल्कि पिछली 23 जून को तो पंजाब पुलिस के मुलाजिम देवेंदर को कोर्ट में पेश करने के बजाए उसके घर ले गए। इसका वीडियो सामने आने पर दो पुलिस वाले सस्पेंड किये गए।

वरिंदर सिंह ने ये भी जानकारी दी कि ये कुल 10 जनों का गिरोह है जिनमें से अब तक केवल तीन ही पकडे गए है। इसके पीछे पंजाब पुलिस की ही काहिली जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सितम्बर में देवेंदर पकड़ा गया था और तब से अब तक राज्य में सरकार भी बदल चुकी है और कई डीजीपी भी, परन्तु देवेंदर के ऐशो आराम में कोई फर्क नहीं पड़ा। 
इस अवसर पर एडवोकेट नितीश वासुदेवा भी मौजूद थे।

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