Chandigarh,Dec,13 पंजाब रोडवेज पनबस/ पी आर टी सी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब की 07 दिसंबर से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल और सरकार की नीतियों के सम्बन्ध में चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया ।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश संरक्षक कमल कुमार, चेयरमैन बलविंदर कुमार राठ, प्रदेश प्रेजिडेंट रेशम सिंह गिल, सेक्रेटरी बलजीत सिंह गिल, जॉइंट सेक्रेटरी जगतार सिंह, गुरप्रीत सिंह ने कहा की मौजूदा पंजाब सर्कार ने पुराणी सरकार की नीतियों पर चल रही है, जबकि पहले किये दावों में सारे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, घर घर नौकरी देने के कोरे दावों के पुरे न होते देख सभी विभागों के कच्चे कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं।सरकार की तरफ से कच्चे कर्मचारियों के मुद्दे हल करने की बजाय उन्हें मारने पीटने, नाजायज कई दर्ज़ करके, नौकरी से निकालने की धमकियों के समर्थन में आवाज़ दबाने की कोशिश की जा रही है।जिसकी ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मचारियों द्वारा सख्त शब्दों में निंदा की जाती है । सभी यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों और आम पब्लिक को पेश आ रही समस्याओं की अनदेखी करके 2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में झूठे ऐलान करने में लगी है।जिसका नंगा चेहरा ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब की तरफ से पिछले 70 -72
दिनों ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे कर्मचारियों की हर मीटिंग में यही बहाना लगाना कि पहली कैबिनेट मीटिंग में पक्का कर देंगे, टाइम पास करने कि कोशिश की जा रही है। ताकि पनबस/ पी आर टी सी के कच्चे कर्मचारियों ने आखिरी मीटिंग 22 नवंबर को की, मंत्री जी ने कहा की इस कैबिनेट मीटिंग में पक्का न किया, तो वो उन्हें हड़ताल करने से नहीं रोकेंगे।परन्तु 01 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में हल न निकलने के कारण ट्रांसपोर्ट विभागके कर्मचारी 07 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए मजबूर हो चुके हैं ।परन्तु मंत्री द्वारा कर्मचारियों पर झूठे पर्चे दर्ज़ करने, नौकरी से निकालने के नोटिस और यहाँ तक कि मुख्य मंत्री पंजाब के हुकुम के उल्ट जाकर पनबस में आउटसोर्सिंग पर भर्ती करने के बहाने नौजवानों से 50 -50 हजार इकट्ठे करने का सच सामने आने के बाद भी 09 दिसंबर कि कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस ब्यान के माध्यम से ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब ने कच्चे कर्मचारियों को पक्के न करने कि बात पर मंत्री ने कच्चे कर्मचारियों को ही दोषी बनाने की कोशिश की कि
यह हड़ताल पर बैठे हैं, अगर कैबिनेट में पक्का न किया।परन्तु मंत्री के ब्यान से सरकार का नंगा चेहरा सामने आ गया है।मज़बूरी में हड़ताल पर बैठे कच्चे ट्रांसपोर्ट कर्मचारी ट्रांसपोर्ट विभाग और परेशां हो रही जनता का सरकार और मंत्री को कोई फ़िक्र नहीं है और मंत्री राजा अमरिंदर सिंह वडिग़ द्वारा ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे कर्मचारियों से किये वाडे अनुसार और अपनी जिम्मेवारी अनुसार सरकार प्राथमिकता के आधार पर कच्चे कर्मचारियों कि मांगों को हल निकालना चाहिए, ताकि जो पब्लिक ट्रांस्पोर्ट विभाग की सुविधा सम्बन्धी आ रही परेशानियों और कच्चे वादों को पूरा किया जाता, यूनियन द्वारा आम जनता से माफ़ी मांगते हुए यह स्पष्ट किया जाता है की हड़ताल की जिम्मेवार पंजाब सरकार और ट्रांसपोर्ट मंत्री हैं।कच्चे कर्मचारियों की तरफ से पब्लिक की सुविधा हेतु 10000 सरकारी बसें डालने, कच्चे कर्मचारी पक्के करने , विभागों के निजीकरण बंद करने की मांग और मज़बूरी में संघर्ष करना पड़ रहा है ।
सीनियर वाईस प्रेजिडेंट जोड़ सिंह, केशियर बलजिंदर सिंह, जॉइंट सेक्रेटरी जलोर, रमनदीप सिंह ने कहा कि
पंजाब सरकार द्वारा उमादेवी कि जजमेंट का बहाना बना कर बार बार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने भाग रही है। इस बारे में उनकी तरफ से मुख्य मंत्री पंजाब, ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब से पहली मीटिंग में बहुत सारे प्रूफ दिए जा चुके हैं, जोकि पंजाब सरकार पंजाब अंदर 5178 टीचर, एस एस ए/रस्मा टीचर, सी एस एस हिंदी टीचर, आदर्श मॉडल स्कूल टीचर, पावरकॉम के लाइनमैन और नर्सिंग स्टाफ पक्का किया है ।यह सारे पंजाब सरकार ने पक्के किये हैं और -3 -5 -7 -9 वाले कांग्रेस सरकार के समय में पक्के किया गया है । इसके अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश कि 03 साल कि पालिसी के सारे प्रूफ भी दिए , फिर भी उमा देवी कि दलीलें देकर पंजाब सरकार और ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब कि आम जनता को परेशान कर रही है ।
नेता शमशेर सिंह, जसबीर सिंह, गुरप्रीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 36000 कर्मचारियों को पक्का करने का जो झूठ बोला गया है वो नया एक्ट आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी कर्मचारी पक्का नहीं होगा और बोर्ड-कारपोरेशन एक्ट से बहार रख कर सरकारी विभागों से सीधे कच्चे कर्मचारियों का नाम तो तोड़ने कि नीति नजर आ रही है, हर बार खजाना खली होने का बहाना बनाया जाता है, परन्तु ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मचारियों को पक्का करने से सरकार को 81 -82 करोड़ रूपए के करीब प्रति महिअ फायदा होता है । जिसके आंकड़े इस अनुसार हैं कि सरकार द्वारा महिलाओं का फ्री सफर का 20 -22 करोड़ रूपए पनबस और 16 -17 करोड़ रूपए प्रति महीना पी आर टी सी दिए जाते हैं । पनबस कि रोज कि कमाई 01 करोड़ 34 -35 लाख रूपए होती है और पी आर टी सी कि नकद कमाई 01 करोड़ 10 लाख के करीब है । इस से सिद्ध होता है कि नकद कमाई और महिलाओं के फ्री सफर सुविधा के रूपए दो विभागों के लगभग 112 करोड़ रूपए बनते है । परन्तु अगर दो विभागों के 7000 कर्मचारियों को पक्का कर दिया जाये तो मौजूदा तनख्वाह ग्रेड पाय दो के बराबर ही है।
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