चंडीगढ़, 27 जून 2025:गली मोहल्ला क्रिकेट लीग (जीएमसीएल) ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता के दौरान पंजाब में नशे के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत की। दिल्ली और मुंबई में सफल आयोजनों के बाद, जहां जीएमसीएल ने महाराष्ट्र पुलिस के साथ 'नशा मुक्ति अभियान' में भाग लिया था, वहीं अब पंजाब में भी क्रिकेट के ज़रिए सामाजिक बदलाव लाने की योजना सामने रखी गई है।
इस मौके पर जीएमसीएल ने 'जीएमसीएल सरपंच ट्रॉफी' की घोषणा की, जो ग्रामीण पंजाब को एकजुट करने और गांवों के नेतृत्व को सम्मान देने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी। इस मौके प्रेस वार्ता में बाबा इंदर प्रीत सिंह, आध्यात्मिक प्रमुख, सतकार्मिक मिशन, अमन बंदवी, निदेशक, ग्लोबल मिडास कैपिटल व साड्डा खिड़दा पंजाब, हरमीत सिंह, निदेशक, खिलाड़ी विकास एवं मनोविज्ञान विभाग और रमन गांधी, सीईओ, जीएमसीएल मुख्य रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर बाबा इंदर प्रीत सिंह ने कहा कि नशा पंजाब के युवाओं और परिवारों को तोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट एकजुटता लाता है, इसलिए हम जीएमसीएल के ज़रिए युवाओं को आशा और उद्देश्य देंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए अमन बंदवी ने कहा कि जीएमसीएल सिर्फ क्रिकेट नहीं है, ये रोजगार, महिला सशक्तिकरण और पंजाब के पुनर्निर्माण की मुहिम है।
हरमीत सिंह ने बताया कि हमारी प्राइड अकादमी खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मज़बूत बनाती है, ताकि वे मैदान के साथ-साथ जीवन की चुनौतियों से भी लड़ सकें।
इस मौके जीएमसीएल के सीईओ रमन गांधी ने बड़े स्तर पर योजना के बारे में बताते हुए कहा कि अगस्त 2025 से पंजाब भर में 500 टीमें, 5500 खिलाड़ी और 5000 मैच आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस और स्कूलों के सहयोग से यह अभियान हर गली और गांव तक पहुंचेगा।
उन्होंने बताया कि पंजाब को तीन क्षेत्रों माझा, मालवा और दोआबा में बांटकर यह अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि माझा क्षेत्र में अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और पठानकोट ज़िलों को शामिल किया गया है। सिख विरासत वाले इस क्षेत्र में नशे के खिलाफ एकजुटता लाई जाएगी। इसी तरह 14 जिलों और 69 विधानसभा क्षेत्रों वाले सबसे बड़े क्षेत्र मालवा में लुधियाना, पटियाला, मोगा और बठिंडा जैसे शहर शामिल हैं। यहां युवाओं को क्रिकेट से जोड़कर जागरूकता फैलाई जाएगी। इसी तरह दोआबा क्षेत्र में जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर जैसे जिलों में समुदाय आधारित नेटवर्क का उपयोग करके जीएमसीएल का संदेश फैलाया जाएगा।
जीएमसीएल ने यह भी स्पष्ट किया कि इस में शामिल खिलाड़ियों में 30% महिलाएं होंगी। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। वहीं सरपंच ट्रॉफी ग्रामीण क्षेत्रों में नई ऊर्जा लेकर आएगी।
पंजाब में बढ़ते नशे के खतरे और सिंथेटिक ड्रग्स की समस्या के बीच जीएमसीएल की यह पहल एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। क्रिकेट की लोकप्रियता और गांव-शहर की साझेदारी से यह मुहिम सामाजिक बदलाव की ओर एक मजबूत कदम है। अंत में, जीएमसीएल ने अपने वादे को दोहराते हुए कहा कि खेल, सेवा और एकता के ज़रिए पंजाब को नशा मुक्त और सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।
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