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पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा एक महीने का समय दिए जाने के बाद भी मांगों का कोई उचित समाधान नहीं हो पा रहा है। 09-10-11 जुलाई को चक्का जाम किया जाएगा: कमल कुमार

Chandigarh :दिनांक 18-06-2025 को पंजाब रोडवेज/पनबस/पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब 25/11 के प्रदेश संस्थापक कमल कुमार, चेयरमैन बलविंदर सिंह राठ, प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल, प्रदेश सचिव शमशेर सिंह ढिल्ले, कैशियर रमनदीप सिंह, कार्यालय सचिव रोही राम ने अपनी टीम के साथ चंडीगढ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रेस से बात की और कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार तीन साल से कच्चे ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है तीन साल से ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों को अलग-अलग पॉलिसी लागू करने का आश्वासन दिया जाता रहा है हर बार मीटिंग में सिर्फ समय काटने की कोशिश की जाती है परिवहन मंत्री पंजाब द्वारा दिनांक 09/02/2024 को एक कमेटी का गठन किया जाता है कमेटी में कर्मचारियों की मांगों को 2 महीने के अंदर हल करने का लिखित आश्वासन दिया जाता है लेकिन कोई मांग हल नहीं होती। रोजाना हो रहे विरोध को देखते हुए जालंधर उपचुनाव के दौरान 1 जुलाई 2024 को पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग होती है तो पंजाब के मुख्यमंत्री को लिखित कमेटी बनाकर एक महीने के अंदर मांगों का समाधान करने को कहा जाता है लेकिन आज 1 साल बीत चुका है और मांगें जस की तस लंबित हैं। एक भी मांग का समाधान नहीं हुआ है। संगठन के विरोध को देखते हुए पंजाब के परिवहन मंत्री ने एडवोकेट जनरल के साथ मीटिंग बुलाई और 09/04/2025 को पंजाब के वित्त मंत्री के साथ मीटिंग हुई और पंजाब के वित्त मंत्री ने मैनेजमेंट को 15 दिन के अंदर आउटसोर्स प्रथा बंद करके कर्मचारियों को सीधा ठेके पर रखने के निर्देश दिए। जब ​​दोनों अधिकारियों से सकारात्मक जवाब मिलने के बावजूद कर्मचारियों की मांगों को टाला जा रहा है, जब परिवहन मंत्री अपने बयान में बताते हैं कि परिवहन विभाग हमेशा फायदे में रहता है, विभाग भी फायदे में है। पंजाब सरकार पर फ्री ट्रैवल पैडिंग का करीब आठ से दस सौ करोड़ रुपए बकाया है। समय पर पैसा रिलीज नहीं किया जा रहा है। संगठन हर बैठक में सरकार को बताता है कि किस तरह ठेका प्रथा के तहत कर्मचारियों का शोषण किया जाता है, लेकिन हर बार झूठ का सहारा लेकर समय बिताने की कोशिश की जाती है।




 प्रदेश कोषाध्यक्ष बलजीत सिंह ने प्रेस को बताया कि पंजाब में जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में आने से पहले पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात करती थी, वहीं सब कुछ इसके उलट हो चुका है। हम यूनियन की तरफ से पंजाब परिवहन विभाग में आउटसोर्स (ठेका सिस्टम) के तहत अवैध भर्ती में भ्रष्टाचार की शिकायत पहले ही 19-12-2022 को माननीय प्रिंसिपल सचिव पंजाब को कर चुके हैं। अब तक उस सबूत के आधार पर उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय अब दोबारा भ्रष्टाचार करने की नीयत से ठेकेदार बिना एग्रीमेंट के ठेका सिस्टम के तहत भर्ती में युवाओं से 1 लाख से 1.5 लाख रुपये की रिश्वत अवैध रूप से ले रहा है, जिसका सबूत हम आज प्रेस के माध्यम से पंजाब की जनता के सामने सार्वजनिक कर रहे हैं। ठेकेदार द्वारा ईपीएफ, ईएसआई और वेतन से अवैध कटौती करने के बावजूद ठेकेदार के खिलाफ करोड़ों रुपये की कोई सिक्योरिटी नहीं बनाई जा रही है। ठेकेदार कर्मचारियों को लेकर भाग गया है। ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसा कैसे हो रहा है कि रिश्वत लेकर ठेका प्रथा के तहत अवैध भर्ती की जा रही है, जिसकी शिकायत हमने पूरे सबूतों के साथ की है और जो भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उसमें बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी चल रही है, जिसके यूनियन के पास पुख्ता सबूत हैं। यहां तक ​​कि हेड ऑफिस में भी जायज मुद्दों को सुलझाने के लिए भारी रिश्वत मांगी जाती है, जिसके कारण जायज मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे साबित होता है कि पिछली सरकार की तरह यह सरकार भी पंजाब के युवाओं के भ्रष्टाचार में भागीदार है। इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। या तो सरकार कुछ करना नहीं चाहती या फिर मिलीभगत है, जिससे साफ साबित होता है कि आम आदमी पार्टी की भी मंशा बाकी पार्टियों जैसी ही है।





प्रदेश सहसचिव जगतार सिंह ने प्रेस को बताया कि संगठन की बैठकें 100 से अधिक हो चुकी हैं और हर बार सरकार व मैनेजमेंट के साथ मुद्दे को तूल देने का प्रयास किया जाता है। पिछले 5 वर्षों में आम आदमी पार्टी सरकार ने विभाग में एक भी नई बस नहीं चलाई है। पंजाब की आबादी के हिसाब से दोनों विभागों में बसों की भारी कमी है। विभाग सरकारी बसें चलाने की बजाय किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसों को तरजीह दे रहे हैं। विभागों के बीच किलोमीटर से ज्यादा दूरी बनाकर विभागों को नाजायज तरीके से लूटने की नीयत से किलोमीटर स्कीम को तरजीह दी जा रही है। एक किलोमीटर बस स्कीम पर 6 वर्षों में कम से कम 1 करोड़ रुपये लगते हैं, जबकि एक नई बस पर 30 लाख रुपये खर्च होते हैं। दिल्ली से एयरपोर्ट पर प्राइवेट बसों को नाजायज तरीके से तरजीह दी जा रही है। अधिकारियों की मिलीभगत से दिल्ली की पार्किंग में 200 रुपये की जगह 3540 रुपये नाजायज तरीके से लूटे जा रहे हैं। 25 लाख रुपए मासिक लेवी लगाई जा रही है, जिसमें से आम आदमी पार्टी में 3 साल में 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की लूट मासिक आधार पर हुई है। प्रत्येक बस में 100 से अधिक यात्री सफर करते हैं, हर दिन पंजाब की जनता को असुविधा का सामना करना पड़ता है, अगर सरकार मांग का समाधान कर दे तो कर्मचारियों को रोजाना संघर्ष करने की जरूरत नहीं है। सरकार को ठेका प्रथा समाप्त करनी चाहिए, विभाग को जीएसटी और कमीशन में करोड़ों रुपए की बचत हो सकती है, विभाग में अधिक कर्मचारियों को अवैध कटौती के कारण आ रही समस्याओं का समाधान हो सकता है और पंजाब के युवाओं को स्थायी रोजगार मिल सकता है। अगर सरकार ने परिवहन कर्मचारियों के लिए ठेका प्रणाली को तुरंत बंद नहीं किया और समान काम समान वेतन लागू नहीं किया और मांग पत्र के अनुसार नई बसें उपलब्ध नहीं कराईं, तो 30 जून को निदेशक राज्य परिवहन मुख्यालय के समक्ष धरना दिया जाएगा। 9-10-11 जुलाई 2025 को पूर्ण रूप से चक्का जाम किया जाएगा और पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास पर स्थायी धरना दिया जाएगा। अगर मांगों का समाधान नहीं किया गया तो यह धरना लगातार जारी रखा जाएगा। पंजाब के लोगों को होने वाली असुविधा के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

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