चण्डीगढ़ : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के अग्रणी आनुषंगिक संगठन सहकार भारती का 8वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन 6, 7 और 8 दिसंबर को अमृतसर में आयोजित होगा। ये जानकारी आज सहकार भारती के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. उदय जोशी ने चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि ये त्रैवार्षिक आयोजन इस बार ऐतिहासिक व धार्मिक नगर श्री अमृतसर साहिब के 450 वें स्थापना वर्ष को समर्पित है।
उन्होंने कहा कि अपने अतिथ्य के लिये प्रसिद्ध अमृतसर में पूरे भारत वर्ष से 2500 चिन्हीत एवं दायित्ववान कार्यकर्ता प्रतिनिधी इस राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित रहेंगे।
इस अधिवेशन में सहकार भारती का सहकारिता क्षेत्र में प्रभाव, संगठनात्मक कार्यविस्तार तथा सहकार भारती के आनेवाले तीन सालों के लिए कार्य योजना आदि विषयों पर विचार मंथन किया जायेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी होसबले 7 दिसंबर को उद्घाटन संबोधन करेंगे। सहकार भारती के प्रेरणा पुरुष श्रध्देय लक्ष्मणराव इनामदारजी तथा सहकार भारती के प्रथम कार्याध्यक्ष कै. महादेव हरि उपाख्य आण्णासाहब गोडबोले के स्मृति मे विशेष पुरस्कारों का वितरण भी उद्घाटन सत्र में किया जायेगा।
इस ञैवार्षिक अधिवेशन में आने वाले 3 सालों के लिए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री का चुनाव भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अमित शाह के केंद्रीय सहकारिता मंत्री बनने से सहकार के क्षेत्र को नई बुलंदिया मिली है व ऐसे में सहकार भारती की भूमिका व जिम्मेदारी भी बड़ी हो गई है।
इस अवसर पर उनके साथ शंकर दत्त तिवारी,
उत्तर क्षेत्र संगठन प्रमुख, सहकार भारती, बलराम दास,
प्रधान, पंजाब सहकार भारती, श्रीमती चारु, दीपक शर्मा, रवि कांत शर्मा, भुपेंद्र जैन व केसी डोगरा आदि भी मौजूद रहे।
“बिना संस्कार नहीं सहकार” इस घोषवाक्य के साथ, सहकारिता क्षेत्र मे, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत, “सहकार भारती” एक स्वयंसेवी संगठन है। वर्तमान में, “सहकार भारती” 28 प्रदेशों तथा 650 से अधिक जिला केंद्रो में कार्य कर रही है। सहकारिता क्षेत्र में सुसंस्कारित, ऊर्जावान कार्यकर्ताओं की टोली निर्माण करना, सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करना, सहकारी समितियों के समस्या समाधान हेतु प्रयास करना, सहकारी क्षेत्र से जुडे सभी का प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास हेतु प्रयास करना, अनुसंधान करना, नयी सहकारी समितियों का गठन करने हेतु कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना, सहकारी समितीयों के संमेलन तथा अधिवेशनों का आयोजन करना आदि कार्य सहकार भारती द्वारा किये जाते है। सहकार भारती की ये धारणा है कि समाज के दलित, शोषित, वंचित, पीड़ित, दुर्बल, गरीब व समाज वर्गों का स्थायी आर्थिक विकास करने का एक मात्र संसाधन सहकारिता है।
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