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अभिभावकों के जागरूक रहने से जन्मजात हृदय रोग से बच सकता है बच्चा : डा. रजत गुप्ता

जम्मू, 23 फरवरी ( ): जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त बच्चों को सही समय पर सटीक इलाज मिलने पर नया जीवनदान मिल सकता है तथा फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने ऐसे ही एक अनोखे मामले में महाधमनी के संकुचन (जन्मजात हृदय रोग) से पीडि़त 10 दिन 1.3 किलोग्राम वजन की नवजात बच्ची को बैलून एंजियोप्लास्टी से बचाकर संभव कर दिखाया है। यह बात जम्मू में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में बच्चों के दिल के रोगों के माहिर व जाने माने काडिर्योलॉजिस्ट डा. रजत गुप्ता ने कही, जिनके द्वारा हाल ही में इस सर्जरी को अंजाम देकर उक्त बच्ची को नया जीवन दान दिया गया है।
फोर्टिस अस्पताल में पीडियाट्रिक कार्डियक साइंसेज डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रजत गुप्ता ने बताया कि किसी भी तरह के जन्मजात हृदय रोग (कॉन्जेंटल हार्ट डिफेक्टस) का जल्द पता लगाने के लिए जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि महाधमनी का संकुचन (सीओए) भी एक जन्मजात हृदय दोष है, जिसमें महाधमनी का एक हिस्सा संकीर्ण हो जाता है। महाधमनी एक बड़ी धमनी है जो हृदय से शरीर के बाकी हिस्सों तक रक्त पहुंचाती है। संकीर्ण होने से रक्त का धमनी से गुजरना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि उक्त बच्ची के महाधमनी का संकुचन भी काफी गंभीर था और यदि समय पर सर्जरी ना की जाती तो बच्चे के हृदय व फेफड़ों को गंभीर प्रभावित कर बच्चे के जीवन को खतरे में डाल सकती थी।
डा. रजत की अगुवाई वाली टीम ने अक्तूबर-2023 में बैलून एंजियोप्लास्टी द्वारा गर्दन में एक छोटे से छेद के माध्यम से संकुचित धमनी को खोला, जिससे उसको ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता से बचा जा सका। इस उपरांत बच्ची के शरीर में रक्त के प्रवाह को और बेहतर बनाने के लिए उनकी दिसंबर-2023 में दूसरी बैलून एंजियोप्लास्टी की गई। सर्जरी के बाद, बच्ची के स्वास्थ्य में काफी सुधार है और उसका वजन भी बढ़ रहा है।
डा. गुप्ता ने बताया कि अभिभावक यदि अपने बच्चे के जन्म से पहले अवेयर रहें तो बच्चों को जन्मजात हृदय रोग से बचाया जा सकता है, वहीं यदि पीडि़त बच्चे को तुरंत ऐसे अस्पताल में पहुंचाया जाए, जहां दिल के माहिर डाक्टरों के साथ-साथ उत्तम टेक्नोलॉजी उपलब्ध हो तो पीडि़त बच्चे को जन्मजात दिल की गंभीर बीमारी से भी निजात दिलाया जा सकता है।
उन्होंने आगे बताया कि बैलून एंजियोप्लास्टी गंभीर से गंभीर जन्मजात हृदय रोग से ग्रस्त नवजात शिशुओं के लिए एक वरदान की तरह साबित हुई है। उन्होंने बताया कि फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली का पीडियाट्रिक कार्डियक साइंसेज डिपार्टमेंट न केवल पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के मरीजों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।

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