चंडीगढ़:-माता शाकुम्भरी मंदिरसेक्टर 43 ए में  नौ दिवसीय श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कथावाचक आचार्य श्री हरि जी महाराज द्वारा शिव कथा का वाचन किया जा रहा है। कथा वाचन में आचार्य श्री हरि जी महाराज ने भगवान शिव की चर्चा करते हुए बताया कि, सात संहिता एकम चौबीस हजार वाला यह श्लोक पुराण संसार दैविक भौतिक ताप से सर्वथा मनुष्यों की रक्षा करता है।
22 फरवरी 2024 तक चलने वाली शिव महापुराण कथा के 6वें दिन अपने कथा वाचन में आचार्य श्री हरि जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव का नाम उच्चारण करने से सारे बंधनों से व्यक्ति दूर होकर व्यक्ति को सारे संसार का वैभव प्राप्त होता है। जीवन में व्यक्ति का प्रभाव का उसके कर्म से बढ़ता है, इसलिए जीवन में अच्छे कर्म करे। जो व्यक्ति अभिमान करता है वह नष्ट हो जाता है, अगर किसी व्यक्ति के पास धन-पद प्रतिष्ठा है तो उसका अभिमान कभी नहीं करना चाहिए। व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर हो सरल स्वभाव से बात करना चाहिए।
भगवान शिव जी की महिमा का व्याख्यान करते हुए बताया कि 'मनुष्य के उद्धार के लिए धर्म और ज्ञान से बड़ा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. धर्म को न मानने वाले लोग अधर्मी और अशुद्ध होते हैं। उन्होंने बताया कि 'भगवान शिव की आराधना मनुष्य को मोक्ष प्रदान करती है। इसलिए समस्त मानव जाति को भगवान शिव की निर्मल मन से उपासना करनी चाहिए।
   इस दौरान मंदिर के उपाध्यक्ष बी एल शर्मा, पंडित मदन मिश्रा जी, पंडित केशवनन्द जोशी और पंडित राजेश शुक्ला सहित मंदिर कमेटी के अन्य पदाधिकारी और भक्तगण भी उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment