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इंटरनेशनल विमेन डे: समाजसेवी संस्थाओं ने सीनियर सिटीजन महिलाओं को किया सम्मानित

चंडीगढ़:- समाजसेवी संस्था द लास्ट बेंचर एवम ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन के आपसी सहयोग से सेक्टर 18 के कम्युनिटी सेन्टर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता "द लास्ट बेंचर्स’ की प्रेजिडेंट सुमिता कोहली और ओंकार चैरिटेबल फाउंडेशन के चेयरमैन रविंदर सिंह विल्ला ने की।
इस अवसर पर सेक्टर 26 किन्नर डेरा महंत कमली दीदी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थी। जबकि पूर्व मेयर आशा जसवाल कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि थी। वहीं सेक्टर 26 किन्नर डेरा से अनीसा दीदी, इनीया दीदी व  श्रुति दीदी भी उपस्थित थे। इस दौरान समाज में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु सुरजीत कौर, डिंपल-कैंसर सर्वाइवर, विनोद कपूर- आर्टिस्ट (बहुत सुंदर पैंटिगस बनाती हैंऔर कई शहरों में उन्होंने अपनी पैंटिगस की प्रदर्शनी भी लगाई हैं),  तेजेंद्र कौर (फ़ौजी की पुत्र वधु, फ़ौजी की पत्नी विगत 20 वर्षों से अध्यापन कार्य कर रही है), रेनू सहगल (सहायता संस्था की अध्यक्ष सामाजिक कार्यों में एक जाना-पहचाना नाम), स्वतंत्र कपूर ( सहायता संस्था की सचिव और सामाजिक कार्यकर्ता), एकता ठाकुर ( जानी मानी एडवोकेट है ),  अनिता सुरभि (साहित्यकार , पब्लिशर,सम्पादक साहित्य के क्षैत्र में जाना पहचाना नाम), सविता गुलाटी ( डाक्टर एंव सामाजिक कार्यकर्ता 
विगत कई वर्षों से ज़रूरत मंदो को नि:शुल्क सेवाएँ दे रही हैं) और नीना लुथरा (आहार विशेषज्ञ)  को अंगवस्त्र, बुके एवम उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके नीलम गुप्ता, डेज़ी महाजन, शशि बाला, अमिता मित्तल, रेना, अनु और मीनाक्षी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर  आशा जसवाल ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा उज्जवल भविष्य की कामना की ।उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की अब्बल भागीदारी हो रही है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अग्रणी भूमिका निभा रही है। महिलाओं के जज्बे को सलाम सम्मान सुविधा अवसर देने की जरूरत है।
"द लास्ट बेंचर्स’ की प्रेजिडेंट सुमिता कोहली ने बताया कि हर वर्ष विश्व भर में 8 मार्च को "अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस" ("इंटरनेशनल वीमन्स डे") मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक है और इस दिन को मनाने  का मुख्य उद्देश्य भी महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाने के लिए जागरूकता लाना है। साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। आज महिलाओं के प्रति हिंसा के मामले भी सामने आते रहते हैं।


रविंदर सिंह विल्ला ने कहा कि बदलते समय के हिसाब से संतानों ने अपनी मां को महत्व देना कम कर दिया है। यह चिंताजनक पहलू है। सब धन-लिप्सा और अपने स्वार्थ में डूबते जा रहे हैं। परंतु जन्म देने वाली माता के रूप में नारी का सम्मान अनिवार्य रूप से होना चाहिए, जो वर्तमान में कम हो गया है।

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