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एआरएआई और चितकारा विश्वविद्यालय ने ईवी और हाइब्रिड ईवी वाहनों में विशेषज्ञता के साथ ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बीई कार्यक्रम के लिए किया करार

 चंडीगढ़मई 01 , 2022:ऐसे समय में जब सस्टेनेबल मोबिलिटी सॉल्यूशंस की  जरूरत लगातार बढ़ती जा रही है  और  भारत सरकार इलेक्ट्रिक (ईवी) और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित कर रही हैतब  उन  पेशेवरों की आवश्यकता और भी बढ़ रही है जो इन उभरती प्रौद्योगिकियों को संभाल सकते हैं।

सरकार की इस पहल को  समर्थन देने करने के लिएऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों में विशेषज्ञता के साथ ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बीई कार्यक्रम के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब के साथ एक विशेष समझौता किया है जिसके एमओयू पर आज दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए हैं।

पुणेमहाराष्ट्र में स्थित ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) की स्थापना सन 1966 में हुई थी और यह भारत सरकार के साथ मिलकर भारतीय वाहन और ऑटोमोटिव सहायक निर्माताओं द्वारा स्थापित एक अग्रणी ऑटोमोटिव अनुसंधान और उत्पाद विकास संगठन है। एआरएआई भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय से संबद्ध एक स्वायत्त निकाय है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग ने एआरएआई को एक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन (एस आई आर ओ SIRO) के रूप में मान्यता दी है।

 छात्रों को चितकारा यूनिवर्सिटी में पहले ढाई वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के मूल सिद्धांतों को सीखने को मिलेगाजिसके बाद छात्र नवीनतम तकनीकों का अध्ययन करने और अगले डेढ़ साल  में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए एआरएआई अकादमीपुणे जाएंगे। अंतिम दो सेमेस्टर पूरी तरह से प्रोजेक्ट वर्क  के लिए समर्पित होंगेजो या तो ऑटोमोटिव उद्योग में या एआरएआई अकादमी में पुरे किए जाएंगे।

एमओयू हस्ताक्षर समारोह के दौरान डॉ. रेजी मथाईनिदेशक-एआरएआईश्री एन.बी. ढांडेवरिष्ठ उप निदेशक और डॉ. मधु चितकाराप्रो चांसलरडॉ. अर्चना मंत्रीचितकारा यूनिवर्सिटी  सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इस  मौके पर बोलते हुए  डॉ रेजी मथाईनिदेशक-एआरएआई ने कहा कि   "हम ईवी में विशेषज्ञता के साथ बीई पाठ्यक्रमों की पेशकश के लिए चितकारा यूनिवर्सिटी  के साथ साझेदारी करने के लिए बहुत ही उत्साहित हैं। हम मानते हैं कि इस तरह के गठजोड़ के साथहम उभरती हुई ईवी प्रौद्योगिकियों में उद्योग प्रशिक्षित पेशेवरों को देने में सक्षम होंगेजो पर्यावरण के अनुकूल गतिशीलता समाधानों में समस्याओं को हल करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित होंगे।  

डॉ. मधु चितकाराप्रो चांसलरचितकारा यूनिवर्सिटी  ने इस मौके पर कहा कि, “हम इन अत्याधुनिक पाठ्यक्रमों को प्रदान करने के लिए एआरएआई के साथ जुड़कर सम्मानित महसूस कर रहें  है। चितकारा यूनिवर्सिटी मेंहम वर्तमान परिवेश में उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार अपने पाठ्यक्रमों में नवाचार लाते रहे हैं। इस कार्यक्रम के साथ छात्रों को विशेष शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा जो निश्चित रूप से उनके भविष्य को बेहतर बनाएगा। यह प्रोग्राम   हमारे छात्रों को उद्योगों  के  लिए तैयार करने के हमारे मिशन में एक  और कदम है।

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