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कोविड-19 के बाद के लक्षणों के प्रबंधन में योग और प्राकृतिक चिकित्सा की भूमिका" पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

17 सितम्बर, चंडीगढ़ :राजकीय कॉलेज योग शिक्षा एवं स्वास्थ्यचण्डीगढ़ और हरियाणा योग आयोग चण्डीगढ़ द्वारा संयुक्त रूप से कोविड-19 के बाद के लक्षणों के प्रबंधन में योग और प्राकृतिक चिकित्सा की भूमिका" पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया । आज इस सम्मेलन के दूसरे दिन हुए कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्य अतिथियों में श्री सतप्रीत सिंह गिल, ;(आई ऐ एस ) सचिवशिक्षा विभागयू.टी. प्रशासन चण्डीगढ़, डॉ पल्लिका अरोड़ा(पी.सी.एस).डायेरक्टरस्कूल एण्ड हायर एजुकेशनचण्डीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशंनहरियाणा योग आयोग के प्रथम चेयरमैन माननीय डॉ जयदीप आर्यराजकीय योगा कॉलेज की प्राचार्या डॉ सपना नंदापी.जी.आई चण्डीगढ़ के प्रो डॉ अक्षय आनंदप्रोफेसर इंचार्ज सी.सी.आर.वाई.एन. कोलैबोरेटिव सेंटर फॉर माइंड बॉडीइंटरवेंशन बाई योगापी.जी.आई., चण्डीगढ़आदि शामिल थे । दीप प्रज्जवलन कर आज के कार्यक्रम का शुभ आरम्भ किया गया।

आज अतिथियों का स्वागत औषधीय पौधे देकर किया गया। कार्यक्रम में राजकीय योगा कॉलेज चंडीगढ़ की वार्षिक पत्रिका ‘‘कलश‘‘का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के आयोजक डॉ जयदीप आर्य और डॉ सपना नंदा ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि उनकी संस्थाएं योग के प्रचार और प्रसार के लिए दिन-रात कर्मबध् हैंजिसकी ख्याति को विश्व पटल पर पहचान दिलवाने में माननीय प्रधानमंत्री जी की

कर्मठता, दूरदर्शिता का विशेष योगदान है। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ जयदीप आर्य ने बताया कि किस प्रकार विभिन्न योगिक विधाओं से संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है और ध्यानउपवास जैसी आध्यात्मिक एवं खान-पान से जुड़ी हुई प्राकृतिक चिकित्साशैली के द्वारा मानसिक तनाव जनित रोगों से मुक्त रहा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि आज के अत्यधिक तनाव भरे जीवन में भावनात्मक उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण शरीर में विटामिन-डी एवं बी-12 की कमी एक महत्वपूर्ण कारण है। हमारे शरीर में ही रोगों का मूल कारण बैक्टीरियल तो हैं ही अपितु शारीरिक गतिविधियों की कमीअनुवांशिक कारणमानसिक तनाव भी हैं। उन्होंने महात्मा गाँधी के जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा आधारित जीवनशैली की महत्ता बताते हुए कहा कि योग के केवल एक तत्व ‘‘अहिंसा‘‘ को अपनाकर किस प्रकार संपूर्ण विश्व में ख्याति प्राप्त की। उन्होंने बताया कि हरियाणा में सभी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रैक्टिस हेतु शीघ्र ही रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ किया जायेगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सतप्रीत सिंह गिल, (आई ऐ एस ) सचिवशिक्षा विभागयू.टी. प्रशासन चंडीगढ़ ने बताया कि योग-आयुर्वेद-प्राकृतिक चिकित्सा भारत की विधाएं हैं। इन्हें जीवन में अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त जीवन जी सकता है। उन्होंने कहा की शिक्षा विभाग प्रयास करेगा की यू.टी. क्षेत्र के विद्यार्थियों के स्वस्थ जीवन के लिए एवं इम्यूनिटी में वृद्धि के लिए नियमित रूप से विद्यार्थियों को योग प्राणायाम अपनाने की प्रेरणा दी जाये। उन्होंने योग कॉलेज की प्रतिभाशाली प्राचार्या डॉ सपना नंदा का अभिनन्दन करते हुए उनके लेखन की प्रशंसा की। डॉ पल्लिका अरोड़ापी.सी.एस.डायेरक्टरस्कूल एण्ड हायर एजुकेशन चण्डीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशंनडॉ अक्षय आनंदप्रोफेसर इंचार्ज सी.सी.आर.वाई.एन. कोलाबोरिटिव सैंटर फॉर माइंड बॉडीइंटरवेन्शन बाइ योगापी.जी.आई.,चण्डीगढ़डॉ बी.टी.सी. मुर्तिश्री योगेन्द्र कुमारडॉ ध्रुव मिश्राहेड ऑफ डिपार्टमेंट, पितांजलि आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार में कायाचिकित्सा के एस्सोसीएट प्रोफेस्सर योग अनुसंधान में विज्ञान संचारयोग और प्राकृतिक चिकित्सा का एकीकृत दृष्टिकोणनशा मुक्ति प्रबंधन में योगकोविड पीड़ितों की रोग के पश्चात् होने वाली समस्याओं के प्रबंधन में योगप्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के संयुक्त प्रभाव आदि विषयों पर आधरित अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का समापन डॉ सपना नंदा द्वारा सभी आयोजकों एवं सहयोगी संस्थाओं को उनकी सहभागिता एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद के शब्दों के साथ किया गया।

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