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दिल की बीमारियों से बचने के लिए सेहतमंद भोजन व जीवनशैली जरूरी: डा. आदित्या विक्रम

चंडीगढ़, 25 सितंबर ( ): ग्रेशियन सुपर स्पैशलिटी अस्पताल द्वारा विश्व हृदय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर अस्पताल के डाक्टर आदित्या विक्रम रूइआ जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दिल के रोगों के माहिर हैं, ने कहा कि दिल से संबंधित बीमारियां (कार्डियो वेस्कूलर डिसीज) भारत में मौतों का सबसे बड़ा कारण हैं। यहां 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में से 52 प्रतिशत दिल की बीमारियों के कारण मरते हैं।
माहिर डाक्टरों का कहना है कि साधारण ईसीजी तथा इको मेडीकल टेस्ट हकीकत में दिल की बीमारियों का पता लगाने तथा इलाज के लिए कारगर साधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उच्च रक्त चाप (हाईपरटेंशन)व शुगर रोग (डायबिटिज) भी दिल की बीमारियों का मुख्य कारण है।
डाक्टरों ने बताया कि भारतीय पुरुषों में 30 प्रतिशत से अधिक उच्च रक्तचाप (हाईपरटेंशन) से पीडि़त हैं, जबकि डायबिटिज के मामले में भारत को शुगर की राजधानी कहा जाता है, जहां शहरी आबादी में 17 प्रतिशत से अधिक लोग डायबिटिज का शिकार हैं।

डा. आदित्या रूईआ ने बताया कि जब कोई व्यक्ति सीढिय़ां चढऩे या ट्रेडमिल पर अभ्यास जैसा जोर लगने वाला काम करता है, तो उसकी छाती में दर्द शुरू हो जाता है, क्योंकि ऐसे कार्य के लिए दिल को अधिक खून की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि शायद छाती में दर्द होना ही दिल की बीमारी का लक्ष्ण है। पर कई बार शुगर के मरीजों को चुपचाप दिल का दौरा (साइलेंट अटैक) पड़ जाता है। डा. आदित्या विक्रम रूइया ने कहा कि हमको सेहतमंद जीवनशैली अपनानी चाहिए, जिसमें सैर करना जरूरी है, धूम्रपान बंद करना चाहिए तथा भोजन में ऑयल की मात्रा कम करके सब्जियां व फलों का सेवन करना चाहिए।
ग्रेशियन अस्पताल में दिल के रोगों के सर्जन डा. विनय उपाध्याय ने कहा कि पहले दिल के रोगों का इलाज छाती में चीरा देकर बड़े आप्रेशन द्वारा किया जाता था, पर अब कम से कम चीर-फाड़ करके दिल की नाडिय़ों में आई खराबी को दूर करने की नई तकनीक एमआईसीएस आ गई है, इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसके लिए तजुर्बेकार सर्जन व आधुनिक मशीनों की जरूरत होती है।
 
डा. उपाध्याय ने बताया कि ग्रेशियन अस्पताल में दिल के वाल्व की मरम्मत व धमनियां/नाडिय़ां खोलने जैसे उपचार का सारा प्रबंध है। उन्होंने बताया कि इलाज सस्ते भी पड़ते हैं तथा मरीज का खून भी कम बहता है, जिससे अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।

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