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बरवाला के 11 साल के बच्चे को लीवर ट्रांसप्लांट से मिला नया जीवन

चंडीगढ़, 9 सितंबर : बरवाला के 11 वर्षीय लडक़े को हाल ही में रेला अस्पताल, चेन्नई में एक सफल लीवर ट्रांसप्लांट से नई जिंदगी मिली। बच्चा फैट मेटाबॉलिज्म के एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर से पीडि़त था जो सिरोसिस और लीवर फेलियर का कारण बनता है। बच्चे को गहरा पीलिया, पेट में फलूइड और लीवर की बीमारी के कारण मांसपेशियों की गंभीर क्षति हो रही थी। इसके अलावा उसे उभरी हुई आंखों की समस्या थी। बार-बार बीमार होने के कारण वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहा था।
गुरुवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुएए डॉ नीरज कुमार, एमडी-चैतन्य अस्पताल ने कहा कि अपने बेटे का उचित इलाज कराने के लिए उसके माता-पिता कई अस्पतालों में गए । फिर उन्होंने चैतन्य से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें डॉ जगदीश मेनन, कंसल्टेंट पीडियाट्रिक हेपेटोलॉजिस्ट और लीवर ट्रांसप्लांट फिजिशियन, रेला अस्पताल को रेफर किया । चैतन्य अस्पताल में रेला अस्पताल महीने में दो बार पीडियाट्रिक लीवर केयर ओपीडी क्लिनिक का संचालन करता है।
डॉ मेनन ने लडक़े का अच्छी तरह से मूल्यांकन किया और माता-पिता को सलाह दी कि उसका इलाज दवाओं से संभव नहीं है और एकमात्र इलाज लीवर ट्रांसप्लांट ही होगा।
माता-पिता अपने बच्चे के रेला अस्पताल चेन्नई पहुंचे यहा विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर प्रो मोहमद रेला ने कहा कि डोनर ऑपरेशन रोबोटिक होगा, जो बिना किसी निशान के और बहुत जल्दी ठीक होने वाला है। पिता ने स्वेच्छा से बेटे की जान बचाने के लिए अपने लीवर का एक हिस्सा दान किया , भले ही उनका ब्लड ग्रुप अलग था।
एक अलग ब्लड ग्रुप के लिवर डोनर को तभी प्राथमिकता दी जाती है, जब कोई अन्य ब्लड ग्रुप के अनुकूल डोनर न हो। हमने विशेष दवाएं दीं और एक अलग ब्लड ग्रुप लिवर डोनर से उत्पन्न होने वाले जोखिम को कम करने के लिए विशिष्ट प्रक्रियाएं कीं, रेला अस्पताल में महिला और बाल स्वास्थ्य डायरेक्टर व बाल रोग विशेषज्ञ , डॉ नरेश शनमुगम ने बताया।
लीवर ट्रांसप्लांट के लिए रेला अस्पताल में बच्चे का जुलाई मेंं सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह ट्रांसप्लांट कई संगठनों और एनजीओ की मदद संभव हुआ, जिन्होंने ट्रांसप्लांट के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की।
ट्रांसप्लांट के 2 सप्ताह के बाद बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। पीलिया के पूर्ण समाधान के साथ-साथ, लीवर ट्रांसप्लांट से पहले उनकी आँखों का असामान्य उभार भी तेजी से ठीक हो गया है, डॉ जगदीश मेनन ने कहा।

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