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नगर निगम और डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर्स की आपसी खींचतान का खामियजा भुगत रहे शहर निवासी

चंडीगढ़, 9 जुलाई   चंडीगढ़ नगर निगम और डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर्स की आपसी लड़ाई का खामियजा शहर वासी भुगत रहे है।  डोर तू गारबेज कलेक्टर्स ने नगर निगम की ओर से उनके साथ किये गए समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान न किये जाने को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है।  हड़ताल के दौरान आज शहर के कईं सेक्टरों के घरों से कूड़ा नहीं उठाया गया और लोगो को परेशान हों पड़ रहा है। सेक्टर 45 ए की सुपर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव बंसल ने बताया की आज उनके इलाके में नगर निगम की गाड़ी कूड़ा उठाने नहीं आई, जिससे यहां के निवासियों को कूड़ा न उठाये जाने के कारण भरी मुश्किल का सामना करना पड़ा।  उन्होंने बताया की कूड़ा उठाने को लेकर लोग सुबह से इंतजार करते रहे मगर जब निगम की योजनां अनुसार कोई कूड़ा उठाने नहीं आया तो उनको जानकारी मिली की डोर टू डोर गारबेज कुलेकटरों ने हड़ताल की है। घरों में पड़े कूड़े से परेशान लोगो को खुद ही आस पास के शिज सफाई केंद्र में कूड़ा फेंकने जाना पड़ा। हड़ताल को लेकर डोर टू डोर गारबेज कलेक्टर्स सोसाइटी के अध्यक्ष शमशेर लोटिया ने बताया की  नगर निगम पर शहर में स्रोत स्थल से गीला और सुका कूड़ा एकत्र करने को लागु की गई योजना के अंतर्गत उनके साथ विश्वाश्घात किया है। उन्होंने  बताया कि नगर निगम  प्रशासन की ओर से शहर में लागु की गई डोर टू डोर गार्बेज कुलेक्शन योजन के अनुसार किये गए समझौते की सीधे तौर पर उलंघना की जा रही है और समझौते की शर्तों के अनुसार उन्हें मेहनताना नहीं दिया जा रहा। सोसाइटी के अध्यक्ष समशेर लोटिया ने बताया कि नगर निगम की ओर से डोर टू डोर गार्बेज कुलेकटरों के साथ किये जा रहे इस अन्याय को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और हड़ताल की जा रही है। उन्होंने बतया कि निगम के साथ हुए इस समझौते के तहत निगम की ओर से तैनात किये गए डोर टू डोर गार्बेज कुलेकटरों को इस से पहले निजी तौर पर कार्य करते जो पैसा इकठा होता था, उतना ही पैसा नगर निगम की ओर से अब उनके खाते में डाला जाना था। पर नगर निगम की ओर से डोर टू डोर गार्बेज कुलेकटरों को पैसा देने में दोगली निति अपनाई जा रही है ओर डोर टू डोर गार्बेज कुलेकटरों के खाते में मनमर्जी अनुसार पैसे डाले जा रहे है। उन्होंने बताया कि इस बारे नगर निगम के अधिकारीयों से कई बार बात हो चुकी है, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई और वह रोष प्रदर्शन और हड़ताल करने को मजबूर हो रहे है। उन्होंने बताया कि निगम की इस धक्केशाही को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग भारत सरकार और चेयरमैन सफाई कर्मचारी आयोग भारत सरकार को भी अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही नगर निगम उनकी सुनवाई नहीं करता धरना प्रदर्शन और तेज किया जाएगा और मांगे न मने जाने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

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