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सोहना में पुलिस और भूमि माफिया की मिलीभगत, नागरिकों के खिलाफ झूठे आरोप

सोहना, हरियाणा: सोहना जिले के टोलनी गांव में ज़मीन विवाद का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की कथित मिलीभगत से नागरिकों को परेशान किया जा रहा है. हिमांशु गुप्ता और उनकी पत्नी भावना गुप्ता ने एक वीडियो के माध्यम से बताया कि 8 फरवरी 2025 शनिवार पुलिस वाले रात के लगभग 12:00 बजे उनके घर आए एवं बिना किसी वारंट के जबरदस्ती छानबीन करने लगे. उनकी पत्नी ने बताया कि उनका मोबाइल एवं घर के अन्य सभी मोबाइल पुलिस वालों ने जप्त कर लिए. हिमांशु गुप्ता ने बताया कि ASI श्याम लाल एवं अन्य पुलिसकर्मी ने गंदी गालियों एवं मारपीट के साथ-साथ उनकी पत्नी से भी अभद्रता से बात की. उनका यह भी अंदेशा है कि पुलिस वालों ने इस समय शराब पी रखी थी.


भूमि बिक्री और विवाद की जड़ 

यह मामला तब सामने आया जब बिल्डर अनुराग मल्होत्रा, अमित बंगा और उनकी फर्म NUMIT फार्म्स LLP के खिलाफ ज़मीन विक्रेताओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए। गोल्डकिस्ट डेवलपर्स प्रा. लि. के निदेशकों – ब्रह्म प्रकाश, राज बाला और बलवान सिंह ने वर्ष 2020-21 के दौरान अनुराग मल्होत्रा, अमित बंगा और उनकी फर्म NUMIT फार्म्स LLP को करीब 20 एकड़ कृषि भूमि बेची थी। इस भूमि की बिक्री स्पष्ट रूप से कृषि उद्देश्यों के लिए की गई थी, और यह बात रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़ों में भी दर्ज थी.

समस्या तब शुरू हुई जब हरियाणा सरकार द्वारा सितंबर 2021 में फार्महाउस नीति लागू की गई, जिसमें कहा गया कि यदि फार्महाउस सरकारी सड़क पर हैं तो उन्हें मंजूरी दी जा सकती है. इस नीति के बाद खरीदारों ने विक्रेताओं पर दबाव बनाना शुरू कर दिया कि वे या तो सरकार को मुफ्त में ज़मीन दें या उन्हें वापस बेच दें. जब विक्रेताओं ने इससे इनकार किया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई.

पुलिस की कथित मिलीभगत और नागरिकों पर अत्याचार

6 फरवरी 2025: पुलिस ने बलवान सिंह (वरिष्ठ नागरिक) को हिरासत में लिया, जबकि उनके खिलाफ ज़मानत पहले से मौजूद थी. FIR में नई धाराएँ जोड़कर मामला गंभीर बना दिया गया. पुलिस बलवान सिंह के पता-ठिकाने की जानकारी देने से इनकार कर रही है, और यह कह रही है कि वह किसी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन अस्पताल का नाम नहीं बताया गया.

8 फरवरी 2025: मध्यरात्रि में पुलिस ने राजेश जी के घर पर छापा मारा, उनके बेटे हिमांशु को पीटा और घर में तोड़फोड़ की, जबकि राजेश जी का इस विवाद से कोई संबंध नहीं है.पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस खरीदारों के प्रभाव में आकर जानबूझकर  हमें परेशान कर रही है और झूठे आरोपों में फंसा रही है. 

मामला पहले से हाई कोर्ट में, पुलिस कर रही जबरदस्ती परेशान 

जब कोई मामला कोर्ट में चल रहा होता है ऐसे समय पुलिस को किसी भी कार्रवाई का सवाल नहीं उठाता. लेकिन भू माफिया एवं अन्य प्रभावित लोगों के चलते पुलिस लोगों पर जबरदस्ती दबाव बना रही है. पीड़ित पक्ष का कहना है कि पुलिस किसी उच्च अधिकारी के दबाव में काम कर रही है और खरीदारों के प्रभाव के कारण अनुचित कार्रवाई कर रही है। वे इस पूरे मामले की सीबीआई या किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि न्याय मिल सके।

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