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महाशिवरात्रि पर उमड़ी आस्था, मंदिरों में लगा भक्तों का तांता:

चंडीगढ़:--चंडीगढ़ के मंदिरों व शिवालयों में बुधवार को महाशिवरात्रि की धूम रही। शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए लम्बी-लम्बी कतारों में देखे गए। सुबह से ही राजधानी के कई मंदिरों में लोग सुबह से ही शिवालयों के बाहर नजर आए। मंदिरों में हर हर महादेव के उद्घोष सुनायी दिए। तड़के सुबह से ही सेक्टर 28 स्थित प्राचीन श्री खेड़ा शिव मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिये श्रद्धालु शिव भक्तों की लम्बी कतार देखी गई। श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करके पूजा-अर्चना की। 

इस दौरान भक्त देवाधिदेव महादेव के दर्शन करने के लिए लाइन में लगे दिखे और हर-हर महादेव के जयकारों से माहौल शिवमय हो गया। देवाधिदेव महादेव की उपासना के पावन पर्व महाशिवरात्रि पर  शिव मंदिरों में बच्चे, नौजवाव सहित हर उम्र के लोग जलाभिषेक के लिए लंबी लाइन में लगे रहे, साथ ही साथ कई जगहों पर भंडारे का भी आयोजन किया गया। 

मंदिर के पुजारी पंडित सुभाष शर्मा ने जानकारी दी कि आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व 26 फ़रवरी को तड़के साढ़े 4 बजे सर्वप्रथम शालिग्राम पूजा की गई। तत्पश्चात मंदिर कमिटी के अध्यक्ष देसराज बंसल सुबह 5 बजे रूद्र अभिषेक किया। इस अवसर पर 1100 बेल पत्रों को शिवलिंग पर अर्पित किए गए और इसके बाद दूध व फलों का भोग लगाया गया व सारा दिन दूध व फलों का अटूट भंडारा बरताया शिव भक्तों में बांटा गया। इस दौरान अगले दिन 27 फ़रवरी को सुबह 5 बजे तक चार पहर की पूजा की जाएगी। 

मंदिर के पुजारी ईश्वर चंदर शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद खास महत्व होता है। इस दिन सभी शिवालय में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। हर-हर महादेव, बोल बम के नारे गूंजते हैं। माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर जो भक्त व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान के साथ पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जीवन में कष्ट, दुख, रोग सभी समस्या समाप्त होती है। वैसे तो महाशिवरात्रि बेहद खास है, लेकिन इस बार 60 साल के बाद महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है।
ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग की पूजा की प्रधानता है। वहीं इस बार 60 साल के बाद बेहद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। महाशिवरात्रि के दिन धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनि कारण और चंद्रमा मकर राशि पर रहने वाले हैं। यह संयोग बेहद शुभ माना जाता है।

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