अंबाला, 22 मार्च, 2022: 11 वर्षीय अंबाला निवासी रोगी काफी समय से अपने दोनों टखनों के आसपास तेज दर्द के कारण दर्द और लंगड़ापन से पीडि़त था। रोगी पिछले 8 महीनों से चल भी नहीं पा रहा था। कई अस्पतालों से इलाज करवाने के बावजूद हर बीतते दिन के साथ उसकी हालत लगातार खराब होती जा रही थी।
रोगी ने पिछले साल नवंबर में फोर्टिस अस्पताल मोहाली में आकर अपने संक्रमण के बारे में बताया था। जहां उसकी चिकित्सा जांच में टखने के जोड़ से सटे दोनों पैरों की हड्डियों में दुर्लभ हड्डी का संक्रमण पाया गया, जिसके कारण रोगी लंगड़ा कर चल रहा था और असहनीय दर्द में था। जांच में यह भी पता चला कि पैर की हड्डियों में संक्रमण के कारण दोनों मांसपेशियों के जोड़ों में द्रव जमा हो गया था।
फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ऑर्थोपेडिक्स (स्पोर्ट्स मेडिसिन) के डायरेक्टर डॉ.रवि गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों की अत्यधिक कुशल टीम द्वारा समय पर सही उपचार, जिन्होंने एक ही सर्जरी में दोनों पैरों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। डॉ.गुप्ता ने एंकल आर्थोस्कोपी भी की क्योंकि मरीजों के एमआरआई से टखने के जोड़ में सूजन का भी पता चला था। एंकल आर्थोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जहां टखने के जोड़ को छोटे-छोटे कटों के साथ मिनिमल इनवेसिव तरीके से स्कोप के साथ संचालित किया जाता है। यह सर्जरी के बाद बेहतर और तेज रिकवरी की ओर ले जाता है।
इस मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ.गुप्ता ने कहा कि ‘‘रोगी के दोनों पैरों में ब्रोडीज एबसेस था-जो कि बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक दुर्लभ अस्थि संक्रमण है, जो पिछले एक साल से उसकी दोनों टखनों के ऊपर, बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में दर्दनाक सूजन का कारण बना था। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता गया, रोगी को चलने में मुश्किल बढ़ गई। संक्रमण ने दोनों पैरों की हड्डियों की ग्रोथ प्लेट को भी संक्रमित कर दिया था। ग्रोथ प्लेट कार्टिलेज की प्लेट है जो व्यक्ति की ऊंचाई को जोड़ती है।
डॉ.गुप्ता ने कहा कि ‘‘यह बीमारी दुनिया में अत्यंत दुर्लभ थी। विश्व साहित्य में इस बीमारी की केवल कुछ ही मामले रिपोर्ट किए गए हैं जहां टखने के जोड़, पैरों की हड्डियां और ग्रोथ प्लेट दोनों शामिल थे।’’ डॉ. गुप्ता ने कहा कि ‘‘यदि बीमारी का इलाज समय से नहीं किया जाता और निदान में और देरी की जाती, तो संक्रमण और अधिक पुराना हो जाता और टांगों की हड्डियों की ग्रोथ प्लेट को क्षतिग्रस्त कर देता, जिससे टांग और पैर में विकृति आ सकती थी और इसके परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता हो सकती थी। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में मरीज के बेहतरी रीहैबलिटेशन के बाद, मरीज सर्जरी के अगले ही दिन चलने में सक्षम था। वह आज पूरी तरह से सामान्य जीवन जी रहा है।’’
डॉ. गुप्ता ने आगे कहा कि फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली उन कुछ अस्पतालों में से एक है जहां टखने की आर्थोस्कोपी नियमित रूप से की जाती है। उन्होंने कहा कि ‘‘फोर्टिस मोहाली ऐसी बीमारियों से पीडि़त मरीजों के लिए सबसे अच्छा इलाज प्रदान करता है और प्रभावित मरीजों के जीवन को बचाने और बदल कर बेहतर बनाने में मदद करता है।’’
फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ऑर्थोपेडिक्स (स्पोर्ट्स मेडिसिन) के डायरेक्टर डॉ.रवि गुप्ता के नेतृत्व में डॉक्टरों की अत्यधिक कुशल टीम द्वारा समय पर सही उपचार, जिन्होंने एक ही सर्जरी में दोनों पैरों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। डॉ.गुप्ता ने एंकल आर्थोस्कोपी भी की क्योंकि मरीजों के एमआरआई से टखने के जोड़ में सूजन का भी पता चला था। एंकल आर्थोस्कोपी एक ऐसी प्रक्रिया है जहां टखने के जोड़ को छोटे-छोटे कटों के साथ मिनिमल इनवेसिव तरीके से स्कोप के साथ संचालित किया जाता है। यह सर्जरी के बाद बेहतर और तेज रिकवरी की ओर ले जाता है।
इस मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ.गुप्ता ने कहा कि ‘‘रोगी के दोनों पैरों में ब्रोडीज एबसेस था-जो कि बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक दुर्लभ अस्थि संक्रमण है, जो पिछले एक साल से उसकी दोनों टखनों के ऊपर, बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में दर्दनाक सूजन का कारण बना था। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता गया, रोगी को चलने में मुश्किल बढ़ गई। संक्रमण ने दोनों पैरों की हड्डियों की ग्रोथ प्लेट को भी संक्रमित कर दिया था। ग्रोथ प्लेट कार्टिलेज की प्लेट है जो व्यक्ति की ऊंचाई को जोड़ती है।
डॉ.गुप्ता ने कहा कि ‘‘यह बीमारी दुनिया में अत्यंत दुर्लभ थी। विश्व साहित्य में इस बीमारी की केवल कुछ ही मामले रिपोर्ट किए गए हैं जहां टखने के जोड़, पैरों की हड्डियां और ग्रोथ प्लेट दोनों शामिल थे।’’ डॉ. गुप्ता ने कहा कि ‘‘यदि बीमारी का इलाज समय से नहीं किया जाता और निदान में और देरी की जाती, तो संक्रमण और अधिक पुराना हो जाता और टांगों की हड्डियों की ग्रोथ प्लेट को क्षतिग्रस्त कर देता, जिससे टांग और पैर में विकृति आ सकती थी और इसके परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता हो सकती थी। फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली में मरीज के बेहतरी रीहैबलिटेशन के बाद, मरीज सर्जरी के अगले ही दिन चलने में सक्षम था। वह आज पूरी तरह से सामान्य जीवन जी रहा है।’’
डॉ. गुप्ता ने आगे कहा कि फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली उन कुछ अस्पतालों में से एक है जहां टखने की आर्थोस्कोपी नियमित रूप से की जाती है। उन्होंने कहा कि ‘‘फोर्टिस मोहाली ऐसी बीमारियों से पीडि़त मरीजों के लिए सबसे अच्छा इलाज प्रदान करता है और प्रभावित मरीजों के जीवन को बचाने और बदल कर बेहतर बनाने में मदद करता है।’’
No comments:
Post a Comment