चंडीगढ़ :"इंटरनेशनल डिप्लोमा इन केयर-गिविंग" कोर्स करके विदेश में केयर में नौकरी के सुनहरे मौके मिलते हैं। यह डिप्लोमा कोर्स उन स्किल्ड केयरगिवर्स के लिए है जो हॉस्पिटल, ओल्ड एज होम और होम सर्विसेज़ में काम करना चाहते हैं। यह डिप्लोमा कोर्स बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़ QAI के साथ हुए एग्रीमेंट के तहत करवाती है। यह बताना ज़रूरी है कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़, फरीदकोट ने इंटरनेशनल क्वालिफिकेशन और असेसमेंट बेस्ड इंस्टीट्यूशन के साथ एक मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग साइन किया है। इसके तहत 40 हायर एजुकेशन क्रेडिट, 4-लेवल "इंटरनेशनल डिप्लोमा इन केयर-गिविंग" शुरू किया जाएगा, जो नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) से अप्रूव्ड एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूशन है। यह बताना ज़रूरी है कि NSDC भारत में एक नॉन-प्रॉफिट, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप कंपनी है, जिसका मकसद वोकेशनल ट्रेनिंग इनिशिएटिव के ज़रिए स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना और नौकरी पाने की संभावना बढ़ाना है। मिली जानकारी के मुताबिक, भारत समेत पूरी दुनिया में हॉस्पिटल, ओल्ड एज होम और होम सर्विसेज़ में स्किल्ड केयरगिवर्स की कमी है। इंटरनेशनल डिप्लोमा इन केयर-गिविंग, 12th पास स्टूडेंट्स के लिए इंटरनेशनल क्वालिफिकेशन और असेसमेंट पर आधारित है, जो हाई-डिमांड वाले सेक्टर्स में प्रोफेशनल करियर के लिए सीधी डिमांड देता है। ज़रूरी क्वालिफिकेशन वाले कैंडिडेट्स इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के हिसाब से "डिप्लोमा इन केयर-गिविंग" ले पाएंगे, जिससे भारत के साथ-साथ विदेशों में UK, जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया वगैरह में हेल्थकेयर और एज्ड केयर सेक्टर्स में जॉब के मौके खुलेंगे।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज इस डिप्लोमा कोर्स में सफल स्टूडेंट्स को 40 एकेडमिक क्रेडिट देगी। इन क्रेडिट्स को आगे बढ़ाया जा सकता है और यूनिवर्सिटी के मान्यता प्राप्त कोर्सेज़ और आगे की हायर एजुकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे स्टूडेंट्स को करियर और एकेडमिक दोनों में तरक्की मिलेगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन और NSDC से जुड़ा यह डिप्लोमा कोर्स यह पक्का करता है कि डिप्लोमा पाने वाले पहले दिन से ही जॉब के लिए तैयार हों, क्योंकि इसमें क्लासरूम एजुकेशन और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दोनों शामिल हैं। यह एग्रीमेंट भारत के युवाओं को ऐसे करियर के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है जो घरेलू हेल्थकेयर ज़रूरतों, देखभाल की ग्लोबल मांग और हायर एजुकेशन में तरक्की को पूरा करते हैं।
ध्यान देने वाली बात है कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अप्रूव्ड ट्रेनिंग पार्टनर, क्वालिफिकेशन एंड असेसमेंट इंटरनेशनल ने जर्मनी में सफल करियर बनाने की चाहत रखने वाली भारतीय नर्सों को जर्मन भाषा में फ्री ट्रेनिंग और जॉब प्लेसमेंट देने की एक पहल की घोषणा की थी, जो अभी दुनिया की सबसे एडवांस्ड हेल्थकेयर यूनिट्स में से एक है। मिले डेटा के मुताबिक, जर्मनी में अभी क्वालिफाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की बहुत कमी है, जो भारत की नर्सों के लिए एक सुनहरा मौका है। यह प्रोफेशन स्किल्ड हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए एक पसंदीदा जगह के तौर पर उभरा है क्योंकि इसमें कॉम्पिटिटिव सैलरी, वर्ल्ड-क्लास काम करने की सुविधाएं, बैलेंस्ड काम और बेहतर लाइफस्टाइल पर ज़ोर दिया जाता है।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज के बारे में
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट एक प्रोविंशियल यूनिवर्सिटी है जिसे जुलाई, 1998 में पंजाब सरकार ने बनाया था। यूनिवर्सिटी का मिशन वर्ल्ड-क्लास एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत करके एक इंटेलेक्चुअल, एकेडमिक और फिजिकल माहौल बनाना है। यूनिवर्सिटी हेल्थ प्रोफेशनल्स, हेल्थ प्लानर्स, हेल्थ मैनेजर्स, सोशल साइंटिस्ट्स और एजुकेटर के लिए ग्लोबल रोज़गार के मौके बनाने के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट्स में हेल्थ साइंसेज पर फोकस कर रही है।
क्वालिफिकेशन्स एंड असेसमेंट इंटरनेशनल के बारे में
क्वालिफिकेशन्स एंड असेसमेंट इंटरनेशनल को 2010 में भारत में अपनी UK सब्सिडियरी के साथ मिलकर एक ऐसे ऑर्गनाइज़ेशन के तौर पर शुरू किया गया था जो युवाओं को इंटरनेशनल लेवल पर बेंचमार्क की गई क्वालिफिकेशन्स के कोर्स और असेसमेंट देकर बेहतर रोज़गार के मौके देता है, जिसमें लैंग्वेज, स्किल्स कोर्स, टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम शामिल हैं। इसके प्रोफेशनल कोर्स इंग्लैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड के रेगुलर क्वालिफिकेशन्स फ्रेमवर्क के साथ अलाइन्ड हैं। इसके इंग्लिश लैंग्वेज प्रोग्राम कॉमन यूरोपियन फ्रेमवर्क ऑफ़ रेफरेंस के साथ अलाइन्ड हैं और इसके स्किल्स प्रोग्राम कॉमन इंटरनेशनल फ्रेमवर्क ऑफ़ रेफरेंस के साथ अलाइन्ड हैं। ये प्रोग्राम इंडिया के नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क के साथ भी अलाइन्ड हैं।
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